लखनऊ। गैर-सरकारी संस्था गूंज शहरों और गांवों के बीच सेतु बनकर काम कर रही है। संस्था शहरों में अनुपयोगी हो चुके कपड़े, बर्तन, किताबें और घरेलू सामान एकत्र कर उन्हें जरूरतमंदों तक पहुंचाती है। इस पहल से न केवल ग्रामीण समुदायों को सहारा मिलता है बल्कि समाज में आपसी सहयोग की मिसाल भी कायम होती है। गूंज का काम केवल वस्त्र या सामान वितरण तक सीमित नहीं है। यह संस्था आपदा राहत, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और आजीविका जैसे क्षेत्रों में भी सक्रिय भूमिका निभा रही है। बाढ़, सूखा या किसी अन्य प्राकृतिक आपदा के समय गूंज हर बार अग्रिम पंक्ति में खड़ी नजर आती है।
आज गूंज का नेटवर्क देश के 23 राज्यों में फैला हुआ है। हर राज्य में स्थानीय जरूरतों के अनुसार संस्था विभिन्न योजनाएं चला रही है, जिससे गांवों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं। संस्था ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे अपने घरों में रखे अनुपयोगी कपड़े, खिलौने, किताबें और अन्य सामग्री गूंज के संग्रहण शिविरों में दान करें। आपका छोटा योगदान किसी जरूरतमंद की जिंदगी में बड़ा बदलाव ला सकता है।