मुंबई। बाजार में पिछले दो कारोबारी सत्रों से जारी तेजी पर मंगलवार को विराम लगा और दोनों मानक सूचकांक बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी मामूली गिरावट के साथ बंद हुए। किसी सकारात्मक संकेत के अभाव में रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईटी और वाहन शेयरों में मुनाफावसूली से बाजार में गिरावट आयी।
कारोबारियों के अनुसार रुपये की विनिमय दर में गिरावट और कमजोर वैश्विक रुख से भी घरेलू बाजार पर प्रतिकूल असर पड़ा। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स में शुरूआत सकारात्मक रही और कारोबार बढ़ने के साथ बाजार में तेजी रही। लेकिन कारोबार समाप्त होने से पहले बिकवाली से सेंसेक्स 18.82 अंक यानी 0.04 प्रतिशत की गिरावट के साथ 52,861.18 पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 16.10 अंक यानी 0.1 प्रतिशत टूटकर 15,818.25 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में 2.30 प्रतिशत की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में टेक महिंद्रा का शेयर रहा। इसके अलावा टीसीएस, मारुति, रिलायंस इंडस्ट्रीज, सन फार्मा, इन्फोसिस और महिंद्रा एंड महिंद्रा में भी गिरावट दर्ज की गयी। दूसरी तरफ, अल्ट्राटेक सीमेंट, एचडीएफसी बैंक, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, कोटक बैंक और इंडसइंड बैंक समेत अन्य शेयर लाभ में रहे। इनमें 3.22 प्रतिशत तक की तेजी आयी।
सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 11 लाभ में जबकि 19 नुकसान में रहे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, भारतीय बाजार में तेजी वित्तीय शेयरों की अगुवाई में हुई है। जून तिमाही के लिये कारोबारी सूचना के अनुसार प्रमुख बैंकों और एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) की वित्तीय गतिविधियों में सुधार दिखा है। इससे दूसरी लहर के प्रभाव को लेकर चिंता कम हुई है। उन्होंने कहा, लेकिन कारोबार समाप्त होने से पहले मुनाफावसली से बाजार नीचे आ गया। वैश्विक स्तर पर, तेल के दाम में तेजी आयी। इसका कारण वैश्विक मांग बढ़ने के बावजूद तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) के उत्पादन बढ़ाने को लेकर बातचीत रद्द करना है। इस बीच, जीएसटी संग्रह जून में आठ महीने में पहली बार एक लाख करोड़ रुपये से कम रहा। इसका कारण कोरोना वायरस महामारी से कारोबारी गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
आधिकारिक आंकड़े के अनुसार माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह जून में घटकर 92,849 करोड़ रुपये पर आ गया। यह 10 महीने अगस्त 2020 के बाद सबसे कम जीएसटी संग्रह है। एशिया के अन्य बाजारों में शंघाई और हांगकांग नुकसान में जबकि सोल और तोक्यो लाभ में रहें।यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरूआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा। इस बीच, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 24 पैसे टूटकर 74.55 पर बंद हुई। अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.39 प्रतिशत बढ़त के साथ 77.46 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
शेयर बाजार के पास उपलब्ध आंकड़े के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक सोमवार को पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने 338.43 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।