- सरदार पटेल के विचार आज भी प्रासंगिक और प्रेरणादायी
- इलाहाबाद म्यूजियम में बन रही ‘आजाद वीथिका’ को जल्द पूरा करें
- संग्रहालय की किताब ‘प्रयागराज दैट वाज इलाहाबाद’ का किया विमोचन
लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को कहा कि जब हम लौहपुरूष सरदार पटेल पर चर्चा करते हैं तो हम एक ऐसे अखंड भारत की चर्चा करते हैं, जिसमें सुशासन है, नागरिकों में आत्म सम्मान का बोध है और समावेशी विकास के प्रति एक राष्ट्रीय निष्ठा है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल के जन्मदिन को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाया जाना समीचीन है, क्योंकि उन्होंने देश की एकता और अखंडता को साकार रूप दिया था।
राज्यपाल ने राजभवन से ऑनलाइन केंद्र सरकार के पत्र सूचना कार्यालय द्वारा आयोजित ‘भारत रत्न लौहपुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल’ के जीवन दर्शन, सिद्धान्त एवं उनके योगदान पर आधारित वेबिनार को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरदार पटेल वकील, स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ दृढ़ इच्छाशक्ति वाले महान व्यक्ति थे और उनका व्यक्तित्व भी बहुत विशाल था। सरदार पटेल के विचार आज भी प्रासंगिक और प्रेरणादायी हैं।
आनंदीबेन पटेल ने कहा कि आज भारत एक सूत्र में बंधा हुआ है, जिसका श्रेय सरदार पटेल को ही जाता है। आजादी से पहले मौजूद सभी रियासतों का विलय भारत में कराने में उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया। उनके इस महान प्रयास के कारण ही आज हम एक बड़े लोकतांत्रिक देश के रूप में पूरे विश्व में पहचान बना पाये हैं। उन्होंने कहा कि सभी लोग सरदार पटेल के विचारों को आत्मसात करें, ताकि भारत एक मजबूत एवं आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में आगे बढ़ सके।
राज्यपाल ने कहा कि गुजरात के बड़ोदरा में ‘स्टेच्यू ऑफ़ यूनिटी’ के रूप में स्थापित सरदार वल्लभ भाई पटेल की विशाल प्रतिमा आने वाली पीढ़ियों को देश की एकता और अखंडता को बनाये रखने की सदैव प्रेरणा देती रहेगी। उन्होंने बताया कि बड़ोदरा की इस प्रतिमा निर्माण में देश के छह लाख से ज़्यादा ग्रामीण और किसानों ने लोहा दान किया था, जो देश के किसानों का सरदार पटेल के प्रति कृतज्ञता का भाव और सम्मान था। उन्होंने कहा कि 1918 में खेड़ा संघर्ष और 1928 में बारदोली सत्याग्रह के माध्यम से सरदार पटेल ने देश के किसानों के लिये महत्वपूर्ण संघर्ष किया था।
आनंदीबेन पटेल ने कहा कि मौजूदा समय में देश के किसानों की उन्नति एवं खुशहाली के लिये तीन कानून बनाये गये हैं, जो उनकी आय को दोगुना करने में भी सहायक होंगे। नये कृषि कानूनों से किसानों को अनेक बंधनों से आजादी मिलेगी। इसके अलावा, राज्यपाल की अध्यक्षता में राजभवन में इलाहाबाद संग्रहालय, प्रयागराज की कार्यकारिणी समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में राज्यपाल ने इलाहाबाद संग्रहालय की आर्ट गैलरी का ऑनलाइन उद्घाटन किया और संग्रहालय द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘प्रयागराज दैट वाज इलाहाबाद’ का विमोचन किया। राज्यपाल ने वार्षिक रिपोर्ट-2018-19 और 2019-2020 को भी स्वीकृति दी।
इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि संग्रहालय में निर्माणाधीन ‘आजाद वीथिका’ के बाकी कार्यों को जल्द पूरा करें और वे तीन महीने बाद स्वयं इसका निरीक्षण करने आयेंगी। उन्होंनेे संग्रहालय के संचालन के लिए कार्यालय मैनुअल छह महीनों के अंदर बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने केंद्र सरकार के जीवन पोर्टल पर सभी कर्मचारियों का विवरण अपलोड करने के निर्देश दिये, जिससे पेंशनरों को वार्षिक जीवन प्रमाण पत्र जमा करने में कोई कठिनाई न हो।
आनंदीबेन पटेल ने इलाहाबाद संग्रहालय एवं भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के बीच प्रस्तावित समझौता-पत्र 2020-21 (एमओयू) पर विस्तृत रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि संग्रहालय में रखी सभी बहुमूल्य किताबों को डिजिटाइज करें और उसे वेबसाइट पर अपलोड करें ताकि सभी लोग आसानी से पढ़ सकें।