भोपाल। मुंबई आतंकी हमले में शहीद हुए तत्कालीन एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने के दो दिन बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने शनिवार शाम अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले पर विवादित बयान दे दिया है।
अयोध्या में राममंदिर निर्माण
अयोध्या में राममंदिर निर्माण की समयसीमा के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा ने एक टीवी चैनल से कहा, राममंदिर हम बनाएंगे एवं भव्य बनाएंगे। हम तोडऩे गए थे (बाबरी मस्जिद का) ढांचा। मैंने चढ़कर तोड़ा था ढांचा। मुझे ईश्वर ने शक्ति दी थी। हमने देश का कलंक मिटाया है। इस संबंध में निर्वाचन आयोग ने आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए प्रज्ञा को शनिवार देर रात को ही कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है और उनसे 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा है।
भोपाल कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी
भोपाल कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सुदाम खाड़े द्वारा जारी इस नोटिस में प्रज्ञा से कहा गया है, आप एक दिन के भीतर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें। अन्यथा विधि संगत एक पक्षीय कार्वाई की जाएगी। नोटिस मिलने के बारे में पूछे जाने पर प्रज्ञा ने रविवार को संवाददाताओं को बताया, मुझे दो नोटिस मिले हैं। राम मंदिर वाले बयान का भी मिला है। मैं नोटिस का विधिवत जवाब दूंगी। जब उनसे सवाल किया गया कि क्या वह भी उस समय अयोध्या गई थीं, जब विवादित ढांचे को तोड़ा गया था तो इस पर उन्होंने कहा, हां, मैं वहां (अयोध्या) गई थी।
मैं इससे मुकर नहीं रही हूं
मैंने यह कल भी कहा था। मैं इससे मुकर नहीं रही हूं। ढांचे को तोड़ा गया। एक भव्य मंदिर बनाया जाएगा। कोई भी मुझे वहां पर भव्य मंदिर बनाने से नहीं रोक सकता। एक अन्य सवाल के जवाब में प्रज्ञा ने कहा, विवादस्पद ढांचे का क्या मतलब? हम भव्य राम मंदिर बनाएंगे। गौरतलब है कि 6 दिसम्बर 1992 को कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराया था। अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है।
इस नोटिस के साथ ही प्रज्ञा को आचार संहिता
इस नोटिस के साथ ही प्रज्ञा को आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए अब तक दो कारण बताओ नोटिस जारी हो चुके हैं। इससे पहले निर्वाचन आयोग ने 26:11 के मुम्बई आतंकी हमले में शहीद हुए पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे के बारे में बृहस्पतिवार को दिए गए विवादित बयान पर भी प्रज्ञा को शनिवार शाम को ही कारण बताओ नोटिस जारी किया था। 29 सितम्बर, 2008 को मालेगांव में हुए बम धमाकों के मामले में प्रज्ञा आरोपी हैं और तकरीबन 9 साल जेल में रहीं हैं। इस बहुचर्चित मामले में वह इन दिनों जमानत पर चल रही हैं।