– मुख्यमंत्री को रालोद के कार्यकारी अध्यक्ष ने लिखा पत्र
वरिष्ठ संवाददाता
लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मनजीत सिंह ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने प्रदेश के तराई और पूर्वांचल के जिलों के विस्थापित परिवारों तथा किसानों की जमीनों के गन्ने के सट्टे चलाने की मांग उठायी।
उन्होंने पत्र लिखा कि उत्तर प्रदेश के जनपद पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, रामपुर, बिजनौर, शाहजहांपुर, बरेली सहित कई किसान परिवार पाकिस्तान के बंटवारे के समय पर सिक्ख समाज के लोग आकर बसे थे और उन्होंने जंगलों को आबाद कर फसल लायक उपजाऊ जमीन बनायी थी। उसी समय पूर्वांचल के देवरिया कुशीनगर, आजमगढ़, बलिया, इलाहाबाद, बनारस, गोरखपुर के पूर्वांचल के किसानों ने विनोबा भावे समिति व अन्य समितियों की जमीनों को वहां पर जाकर किसानी के लायक बनाया था। लगभग पिछले 70 वर्षों से इन किसान उन्हीं जमीनों पर खेती करते चले आ रहे हैं।
2017 से इन सभी किसानों के गन्ने के सट्टे बंद कर दिए गये वह इसलिए कि इन किसानों की जमीन खतौनी आनलाइन नहीं दिख रही थी। यानि इन जमीनों पर किसानों को भूमि धरी का अधिकार नहीं मिला, आनलाइन खतौनी में जमीन न दिखने के कारण इन किसानों के गन्ने के सट्टे बंद कर दिए गए थे। 2017 से पूर्व किसानों के सट्टे पिछले 60 वर्षों से चलते चले आ रहे हैं। यह किसान गन्ने की खेती तो कर रहे हैं लेकिन अपना गन्ना औने-पौने दामों में प्राइवेट गन्ना कोल्हू में बेचने को मजबूर है। उन्होंने मांग की कि किसानों की इस गंभीर समस्या को देखते हुए तराई ब पूर्वांचल के इन किसानों के गन्ने के सट्टा को तुरंत बहाल कर इनके गन्ना का सर्वे कराया जाय, जिससे किसान अपना गन्ना सहकारी चीनी मिल व प्राइवेट चीनी मिल को सप्लाई कर सकें।