श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रडार इमेजिंग पृथ्वी निगरानी उपग्रह रिसैट-2बीआर1 को नौ अन्य विदेशी वाणिज्यिक उपग्रहों के साथ बुधवार को पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया। इन उपग्रहों को ले जाने वाले 44.4 मीटर लंबे (ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) ने तेज गर्जना करते हुए और धुएं का गुबार छोड़ते हुए यहां स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के प्रथम लांच पैड से अपराह्न तीन बजकर 25 मिनट पर शानदार ढंग से उड़ान भरी।
रिसैट-2बीआर1 को प्रक्षेपण के लगभग 16 मिनट बाद और अन्य उपग्रहों को लगभग पांच मिनट बाद उनकी अलग-अलग निर्दिष्ट कक्षाओं में स्थापित कर दिया गया। इसरो प्रमुख के. सिवन और अन्य वैज्ञानिकों ने सभी 10 उपग्रहों के निर्दिष्ट कक्षाओं में स्थापित होने पर एक-दूसरे को बधाई दी।
मिशन नियंत्रण केंद्र से सिवन ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है जो संयोग से पीएसएलवी की 50वीं उड़ान का दिन है। उन्होंने कहा कि इसरो ने ऐतिहासिक मिशन को अंजाम दिया है, मुझे यह घोषणा करते हुए अत्यंत खुशी हो रही है कि 50वें पीएसएलवी ने रिसैट-2बीआर1 को 576 किलोमीटर की कक्षा में सफलतापूर्वक बेहद सटीक तरीके से स्थापित कर दिया है।
बता दें, उपग्रह रिसैट-2बीआर1 को सैन्य उद्देश्यों के साथ-साथ कृषि, वन और आपदा प्रबंधन के कार्यों के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा। अमेरिका के छह उपग्रहों का इस्तेमाल जहां बहुद्देश्यीय दूर संवेदी उद्देश्यों के लिए होगा, वहीं इटली के उपग्रह का इस्तेमाल अनुसंधान उद्देश्य पर आधारित है। इसरो ने कहा कि पीएसएलवी-48 रिसैट-2बीआर1 इसरो का इस वर्ष छठा प्रक्षेपण है जिसका जीवनकाल पांच साल का होगा।