नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अनुरोध किया है कि 2012 के सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के चार दोषियों को फांसी पर लटकाया जा सके, इसके लिए न्यायिक प्रक्रिया पूरी करने की समयसीमा तय की जाए।
मीडिया में निर्भया नाम से जाना जाने लगा
मामले के तीन दोषी मृत्युदंड को चुनौती देते हुए जल्द उपचारात्मक याचिका दाखिल कर सकते हैं। पैरामेडिकल की 23 वर्षीय छात्रा के साथ 16 और 17 दिसंबर, 2012 की दरमियानी रात दक्षिणी दिल्ली में चलती बस में छह लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था और उसे बुरी तरह प्रताड़ित कर सड़क पर फेंक दिया था। 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में लड़की की मृत्यु हो गई जिसे मीडिया में निर्भया नाम से जाना जाने लगा। मामले के एक आरोपी राम सिंह ने खुद जेल में फंदे पर लटककर खुदकुशी कर ली थी। मामले के एक किशोर दोषी को एक सुधार गृह में तीन साल की अधिकतम कैद की सजा सुनाई गई थी।
मालीवाल ने कहा कि एक निश्चित समयसीमा होनी चाहिए
राष्ट्रपति कोविंद को लिखे पत्र में मालीवाल ने कहा कि एक निश्चित समयसीमा होनी चाहिए जिसके भीतर पूरी न्यायिक प्रक्रिया समाप्त की जानी चाहिए ताकि इस तरह के मामले ज्यादा नहीं खिंचें। उन्होंने कहा, अगर आपको उचित लगे तो आप केंद्र सरकार को निर्देश दे सकते हैं कि देश में तत्काल एक अध्यादेश लाकर सुनिश्चित किया जाए कि बलात्कार के मामलों में सुनवाई अपराध के तीन महीने के अंदर पूरी हो और उसके बाद पुनर्विचार याचिका तथा उपचारात्मक याचिका समेत अन्य सभी अपीलें अगले तीन महीने के अंदर निपटाई जाएं। छह महीने के अंदर न्याय की गारंटी होनी चाहिए। मालीवाल ने राष्ट्रपति से बलात्कार पीड़िताओं को न्याय दिलाने के लिए एक निश्चित प्रणाली बनाने का अनुरोध किया।