- बड़ी संख्या में रोज़गार देने की कोशिश कर रही है सरकार
- आर्थिक गतिविधियों को दी जा रही है रफ़्तार
- वित्तीय वर्ष में 20 लाख इकाइयों को 76 हज़ार करोड़ लोन का लक्ष्य
लखनऊ। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने सोमवार को बताया कि मिशन रोजगार अभियान के तहत बड़ी संख्या में रोजगार देने का प्रयास किया जा रहा है। अभियान के तहत हर जिले जनपद की एक कार्य योजना बनाई जा रही है। जिसमें सरकारी नौकरियों के माध्यम से, सरकारी योजनाओं से स्वरोजगार, बैंकों से समन्वय करके, कौशल प्रशिक्षण द्वारा स्वरोजगार तथा विभिन्न विभागों द्वारा चलाये जा रहे निर्माण कार्यों में रोजगार के अवसरों कोे एक योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जायेगा, जिससे प्रदेश में अधिक से अधिक रोजगार के अवसर पैदा किये जायें।
सहगल ने लोक भवन में हुई प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि चार साल में चार लाख नयी सरकारी नौकरी देने के लक्ष्य को पूरा किया जा रहा है और विभिन्न आयोगों, परिषदों, विभागों से कहा गया है कि अपने रिक्त पदों के सापेक्ष नियमानुसार पारदर्शी तरीके से रिक्त पदों पर अपनी भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाएं, ताकि प्रदेश में ज़्यादा से ज़्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध हो जायें।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि आर्थिक गतिविधियों को और ज़्यादा तेजी लाने के लिए सरकार काम कर रही है। इसके साथ ही रोजगार के अवसर बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने बताया कि 12 लाख इकाइयों को लगभग 31 हजार करोड़ रुपये के लोन बैंकों के माध्यम से दिये गये हैं। इस वित्तीय वर्ष में 20 लाख इकाइयों को 76 हजार करोड़ रुपये के लोन बैंकों के माध्यम से दिये जाने का लक्ष्य रखा गया है। एमएसएमई इकाइयों से 27 लाख से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर सुलभ हुए है।
सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों के हित के लिए काम कर रही है। प्रदेश सरकार किसानों को उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के लिए कृतसंकल्प है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर लगातार धान खरीद की समीक्षा की जा रही है। इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि किसानों के धान की खरीद समय से हो और उन्हें धान, मूंगफली व मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य ज़रूर मिले। उन्होंने बताया कि मक्का और मूंगफली की खरीद पहली बार की जा रही है। धान और मक्का की खरीद का भुगतान 72 घंटे के अन्दर सुनिश्चित किया जाये।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिलाधिकारी की यह जिम्मेदारी है कि किसानों को किसी प्रकार की समस्या न होे और खरीद केंद्र सुचारू रूप से काम करे। उन्होंने बताया कि किसी भी तरह की अधिकारियो या कर्मचारियों द्वारा लापरवाही बरती जाती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। धान खरीद केंद्र पर शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी की जिम्मेदारी होगी। धान क्रय केंद्रों पर जिलाधिकारी द्वारा लगातार सत्यापन, अनुश्रवण और आकस्मिक निरीक्षण करे।
राज्य सरकार किसानों के हितों के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और किसानों की समस्या का निदान प्राथमिकता से सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री खुद किसान सम्मेलनों को सम्बोधित भी कर रहे हैं। उन्होंने घोषण किया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य और मंडियां खत्म नहीं होंगी।