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पेराई सत्र 2018-19 के देय गन्ना मूल्य का शत प्रतिशत भुगतान
लखनऊ। गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने मंगलवार को बताया कि प्रदेश की चीनी मिलों द्वारा पेराई सत्र 2018-19 के देय गन्ना मूल्य 33,048 करोड़ रुपये के सापेक्ष शत-प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान किसानों को कर दिया गया है। मौजूदा सरकार के कार्यकाल में पहले के पेराई सत्रों के भुगतान सहित अब तक 1,03,719 करोड़ रुपये का भुगतान गन्ना किसानों को कराया जा चुका है।
भूसरेड्डी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व और चीनी उद्योग तथा गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा के मार्गदर्शन में गन्ना विकास विभाग द्वारा गन्ना किसानों के हित में किये जा रहे प्रयासों के फलस्वरूप पेराई सत्र 2018-19 के देय गन्ना मूल्य के सापेक्ष शत-प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान गन्ना किसानों को सुनिश्चित हुआ। उन्होंने कहा कि चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग कोरोना महामारी की इस देशव्यापी विभीषिका के दौरान भी गन्ना किसानों के आर्थिक हितों की रक्षा हेतु प्रतिबद्ध है।
गन्ना आयुक्त ने बताया कि लाॅकडाउन के दौरान जब प्रदेश और देश के ज़्यादातर उद्योग बन्द रहे तब केवल उत्तर प्रदेश की चीनी मिले लगातार चलती रहीं और चीनी की बिक्री नगण्य होने के बावजूद भी विभाग द्वारा चीनी मिल के सभी उत्पादों एवं उप उत्पादों के विक्रय मूल्य को गन्ना मूल्य भुगतान के लिए टैगिंग करने के कारण ही लगभग 5,954 करोड़ रुपये का भुगतान गन्ना किसानों को कराना संभव हो सका। इस भुगतान में एथनाॅल एवं सेनिटाइजर के विक्रय मूल्य को गन्ना मूल्य के लिए टैग करने का निर्णय महत्वपूर्ण रहा।
भूसरेड्डी ने कहा कि यह भी उल्लेखनीय है कि प्रदेश की चीनी मिलों द्वारा पिछले 03 सालों में रिकार्ड 3,262 लाख टन गन्ना पेराई एवं रिकार्ड 365 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया है। मौजूदा पेराई सत्र 2019-20 के दौरान भी 1,118 लाख टन गन्ना पेराई एवं 126 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया है, यह भी प्रदेश के इतिहास में एक रिकार्ड है।



 
                                    

