होली उत्सव को होगा समापन
लखनऊ। चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर रंग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। रंग पंचमी की हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक मान्यता होती है। इसे देव पंचमी और श्री पंचमी जैसे नामों से भी जाना जाता है। माना जाता है कि रंग पंचमी के ही दिन देवी-देवता धरती पर रंग खेलने आते हैं। इसे देवी-देवताओं की होली भी कहा जाता है। मान्यतानुसार रंग पंचमी के दिन भगवान के समक्ष रंग अर्पित करने पर भक्तों को अपने आराध्य का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन भक्त पूरे मनोभाव से रंग पंचमी की पूजा करते हैं। पंचांग के अनुसार, रंग पंचमी चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर मनाई जाती है। इस तिथि का आरंभ 18 मार्च की रात 10 बजकर 9 मिनट पर होगा और 20 मार्च की रात 12 बजकर 37 मिनट पर समापन हो जाएगा। उदया तिथि के अनुसार 19 मार्च के दिन ही रंग पंचमी मनाई जाएगी। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:51 बजे से सुबह 5:38 बजे तक रहेगा। विजय मुहूर्त दोपहर 2:30 बजे से 3:54 बजे तक रहेगा। गोधूलि काल का मुहूर्त शाम 6:29 बजे से 6:54 मिनट के बीच बन रहा है और रात्रि में निशिता काल का शुभ मुहूर्त 12:05 बजे से 12:52 बजे तक रहेगा।
रंग पंचमी के त्योहार की ब्रज में अलग ही धूम देखने को मिलती है। कहते हैं इस दिन श्रीकृष्ण और राधा रानी ने होली खेली थी और स्वर्ग से देवी-देवताओं ने उनपर पुष्पों की वर्षा की थी। रंग पंचमी के दिन पारंपरगत तौर पर अबीर-गुलाल उड़ाया जाता है।
रंग पंचमी का महत्व
मान्यता है कि रंग पंचमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने राधा रानी के साथ होली खेली थी। इस अवसर पर देवी-देवता आसमान से फूलों की वर्षा करते हैं। इसलिए, रंग पंचमी के दिन अबीर-गुलाल उड़ाने की परंपरा निभाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि पंचमी तिथि पर रंगों के इस उत्सव से दैवीय शक्तियों का प्रभाव अधिक होता है, जिससे लोगों के कष्ट धीरे-धीरे कम होने लगते हैं। इस दिन दैवीय शक्तियों का प्रभाव जीवन में बना रहता है, जिससे घर-परिवार में सुख और समृद्धि बनी रहती है।
रंग पंचमी पर पूजा विधि
रंग पंचमी के दिन, सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें। अर्घ्य के समय जल में रोली, अक्षत के साथ-साथ शहद भी डालना न भूलें। एक नारियल पर सिंदूर छिड़ककर उसे किसी शिव मंदिर में जाकर महादेव को अर्पित करें। एक तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें मसूर की दाल डालकर शिवलिंग का जलाभिषेक करें। रंग पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और भगवान श्रीकृष्ण, राधा और लक्ष्मी-नारायण की पूजा करें। इस दिन उन्हें अबीर और गुलाल चढ़ाएं और उनके आशीर्वाद की कामना करें। घर में हवन या पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता बनी रहती है। इस दिन गरीबों को भोजन कराना और जरूरतमंदों की मदद करना भी शुभ माना जाता है।