केजीएमयू ट्रामा सर्जरी विभाग ने किये विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम
वरिष्ठ संवाददाता लखनऊ। विश्व ट्रामा दिवस पर केजीएमयू के ट्रामा सर्जरी विभाग की ओर से एक जागरूकता रैली निकाली गयी है। इसके साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
केजीएमयू के प्रशासनिक भवन के सामने से निकाली गयी रैली में डाक्टरों व छात्र-छात्राओं समेत 100 से अधिक लोगों ने प्रतिभाग किया। रैली में प्रतिभागियों ने अपने गले में लाल रंग की रस्सी का फंदा डाल रखा था और यह संदेश दिया कि गाडी़चलाते समय मोबाइल पर बात करना मतलब खुद को फाँसी लगाना है।
इसके साथ ही पैरामेडिकल छात्र-छात्रों ने सड़क सुरक्षा पर नुक्कड़ नाटक किया गया। जिसमें दर्शाया गया कि सड़क पर असावधानी से किस प्रकार दुर्घटना हो सकती है। इसमें यह भी बताया गया कि दुर्घटना होने पर मोबाइल से फोटो खीचनें की बजाय दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ति की मदद करनी चाहिए। छात्र छात्राओं ने सड़क सुरक्षा के ऊपर एक पोस्टर प्रतियोगिता का भी आयोजन किया। इससे पहले कलाम सेन्टर मे प्रो संदीप तिवारी द्वारा सड़क दुर्घटना के कारण व रोकथाम पर व्याख्यान दिया गया।
जिसमें उन्होनें दुर्घटना होने के मुख्य कारणों और उनकी रोकथाम पर विस्तार से चर्चा की। प्रो समीर मिश्रा द्वारा दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को किस सावधानी से उठा कर स्थानान्तरित किया जाता है, यह बताया। उन्हानें बताया कि दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को चार व्यक्तियों द्वारा उठाया जाना चाहिये जिससे कि उसको रीढ़ की हड्डी की चोट से होने वाली मृत्यु से बचाया जा सके।
प्रो अनीता सिंह द्वारा रक्त स्त्राव को रोकने के तरीके को दिखाया गया। उन्होने बताया कि किसी भी प्रकार के रक्त स्त्राव को 5 मिनट तक कस के दबा के रखना चाहिये और यदि तब भी रक्त स्त्राव न रूके तो रक्त स्त्राव की जगह से थोड़ा ऊपर कस के एक कपड़ा बाध देना चाहिए। प्रो यादवेन्द्र धीर ने बताया कि यदि मरीज की सांस न चल रही हो तो उसे सीपीआर द्वारा सांस देने की कोशिश करना चाहिए।





