ऑनलाइन पढ़ाई पर उठे सवाल, उठी मांग हो व्यवस्था

-निर्धन बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा से वंचित होने से बचाने की गुहार

-माध्यमिक व कॉलेज के शिक्षक नेताओं ने सीएम, डिप्टी सीएम व लविवि प्रशासन को लिखा पत्र

लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष व विधान परिषद में नेता शिक्षक दल व एमएलसी ओम प्रकाश शर्मा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को पत्र लिखकर ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था से सामान्य एवं निर्धन परिवार के बच्चों को वंचित होने से बचाने की मांग की है। इसके साथ ही लुआक्टा के पूर्व अध्यक्ष ने लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिखकर गरीब बच्चों को लेकर शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाये हैं।

संगठन के प्रदेशीय मंत्री और प्रवक्ता डॉ. आरपी मिश्र ने बताया कि अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने अपने पत्र में लिखा है कि शिक्षण कार्य को घर पर करने के लिए आवश्यक केवल पात्र शिक्षक ही नहीं ई-उपकरण भी हैं, जिसके लिए प्रत्येक छात्र पर लैपटॉप अथवा उच्च श्रेणी का मोबाइल और उनके साथ इंटरनेट की व्यवस्था भी अनिवार्य है। इस प्रकार के यंत्रों के अभाव में शिक्षक द्वारा शिक्षण कार्य संचालित करना किसी प्रकार व्यावहारिक संभव प्रतीत नहीं होता है।

ऐसी स्थिति में अनेक परिवार ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था से वंचित रहेंगे। ओम प्रकाश शर्मा ने मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा से अनुरोध किया है कि आम आदमी के बच्चे इस प्रकार के शिक्षण से वंचित न रहे। इसके लिए सरकार गंभीरतापूर्वक विचार कर समुचित प्रबंध करें जिससे निर्धन बच्चों को आॅनलाइन शिक्षा से वंचित होने से बचाया जा सके।

लुआक्टा ने जाहिर की गरीब छात्रों की व्यथा

इधर, लखनऊ विश्वविद्यालय सहयुक्त महाविद्यालय शिक्षक संघ (लुआक्टा) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. मौलीन्दु मिश्र ने लखनऊ विश्वविद्यालय के महाविद्यालय विकास समिति (सीडीसी) को पत्र लिखकर गरीब व गांव के बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर चिंता जताई। उनका कहना है कि लॉकडाउन को देखते हुए राज्य सरकार की ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली बेहतर विकल्प हैं लेकिन क्या कार्यालय कार्यों के लिए चाइनीज एप का प्रयोग किया जा सकता हैं।

साथ ही 20 से 35 प्रतिशत गरीब परिवार के छात्र ऑनलाइन पढ़ाई के लिए एक अच्छा स्मार्टफोन या लैपटॉप नहीं उपलब्ध हैं और न वे खरीद ही सकते हैं ऐसे में उन ई-कंटेंट कैसे पहुंचेगा। इस समय जिस प्रकार वंचित समुदाय को खाना देने की व्यवस्था की जा रही हैं, उसी प्रकार शिक्षा के अधिकार के तहत वंचित समुदाय के छात्र-छात्राओं को भी शिक्षा देने का प्रबंध कराना चाहिए।

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