देहरादून । देहरादून समेत उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं में हुई व्यापक तबाही में 16 लोगों के मरने तथा 16 अन्य के लापता होने के एक दिन बाद बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनकी सरकार सड़क और बिजली संपर्क बहाल करने और क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे की मरम्मत को प्राथमिकता दे रही है।
राजधानी देहरादून में कई जगहों पर तथा प्रदेश के विभिन्न अन्य हिस्सों में मंगलवार को रात भर बादल फटने और भारी बारिश के कारण भारी तबाही मची और उफनती नदियों में आए सैलाब में इमारतें, सड़कें और पुल बह गए।राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, देहरादून में 13, पिथौरागढ़ और नैनीताल में एकएक व्यक्ति की बारिश संबंधी घटनाओं में मौत हुई। इन घटनाओं में 16 अन्य लापता हो गए जबकि तीन अन्य घायल हुए हैं।उधर, एक व्यक्ति की रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ यात्रा मार्ग पर पहाड़ी से गिरने से मौत हो गयी।
राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) से बुधवार को मिली जानकारी के अनुसार, नेपाली मूल के धीर बहादुर बिष्ट की घास लेने के दौरान मंगलवार को छानी कैंप के पास पहाड़ी से गिरने की सूचना मिली। एसडीआरएफ ने बताया कि बारिश, अंधेरे और कोहरे की प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद स्थानीय लोगों की मदद से बल ने घटनास्थल तक पहुंचकर बिष्ट को बाहर निकाला और लिनचोली अस्पताल पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास क्षतिग्रस्त बुनियादी ढ़ांचे की मरम्मत और सड़क, बिजली, पानी की सुविधाओं को जल्दी से जल्दी बहाल करने का है। उन्होंने बताया कि 85 प्रतिशत क्षतिग्रस्त बिजली की लाइनों को ठीक कर दिया गया है जबकि बाकी भी एकदो दिन में दुरूस्त कर दी जाएंगी। धामी ने कहा, मैंने सीमा सड़क संगठन् के महानिदेशक से बातचीत की है। नरेंद्रनगरटिहरी मार्ग की भी जल्द ही मरम्मत हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि बारिश के कारण विभिन्न जगहों पर फंस गए करीब 1000 लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है।
प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि आपदा में 10 से अधिक सड़कें और पुलों को नुकसान पहुंचा है जिसमें से पांच बहुत बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं जिनमें पूरा हिस्सा ही बह गया है। मंगलवार तड़के आयी आपदा में देहरादून में सहस्रधारा, झड़ीपानी, राजपुर रोड, प्रेमनगर, विकासनगर, भगतसिंह कॉलोनी, पिथौरागढ़ और नैनीताल में खासा नुकसान पहुंचा।