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प्रदेश के 18 जिलों के 1029 गांव बाढ़ प्रभावित
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि बाढ़ शिविरों में रह रहे वृद्ध लोगों, गर्भवती व धात्री महिलाओं और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन व अन्य सुविधाएं दी जायें। वरिष्ठ अधिकारी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करे और बाढ़ से पीड़ित व्यक्तियों को तुरंत राहत दिलवाना सुनिश्चित करे।
प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल ने यहां पत्रकारवार्ता में बताया कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये है कि आपदा से होने वाली मृत्यु के मामले में पीड़ित के परिवार को 24 घण्टे के अन्दर अहैतुक सहायता उपलब्ध करा दी जाये।
प्रदेश में अब बाढ़ प्रभावित गांवों के विभीषिका झेल रहे जिलों की संख्या भी बढ़ रही है। मौजूदा समय में में प्रदेश के 18 जिलों के 1029 गांवों बाढ़ से प्रभावित हैं।
बाढ़ प्रभावित जिलों में आंबेडकर नगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रूखाबाद, गोण्डा, गोरखपुर, कासगंज, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, मऊ, पीलीभीत, संतकबीरनगर, और सीतापुर शामिल हैं।
केंद्रीय जल आयोग कि रिपोर्ट के अनुसार फतेहगढ़ में गंगा खतरे के निशान से थोड़ा ही नीचे है और वहां नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इसी तरह गंगा नरोरा (बुलंदशहर) और कचला ब्रिज (बदायूं) में चेतावनी और खतरे के निशान के बीच बह रही है।
घाघरा का कहर बाराबंकी, अयोध्या और बलिया में जारी है। नदी का स्तर एल्गिन ब्रिज (बाराबंकी), अयोध्या और तुर्तीपार (बलिया) में लगातार खतरे के निशान से ऊपर बना रहा है। शारदा जहां लखीमपुर खीरी के पलियाकला में खतरे के निशान से ऊपर है, वहीँ शारदा नगर में इसका स्तर चेतावनी और लाल निशान के बीच है।
गोयल ने बाढ़ की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि प्रदेश में मौजूदा समय में सभी तटबंध सुरक्षित है। बाढ़ के संबंध में लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। उन्होंने बताया कि बाढ़ पीड़ित परिवारों को राशन किट बांटी जा रही है। अब तक राहत सामग्री के तहत 1,41,589 राशन किट और 2,75,551 मीटर तिरपाल बांटा जा चुका है। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में 288 मेडिकल टीम लगायी गयी है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 4,368 कुंतल भूसा बांटा गया है।