प्रधानमंत्री ने कोविड-19 लड़ाई में ढिलाई के खिलाफ चेताया

नई दिल्ली। प्रत्येक नागरिक के लिए टीकों की शीघ्र पहुंच सुनिश्चित करने के वास्ते पूरी तैयारी रखने का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव आयोजन की तरह टीका वितरण की ऐसी प्रणाली विकसित करने का शनिवार को सुझाव दिया जिसमें सरकारी और नागरिक समूहों के प्रत्येक स्तर की भागीदारी हो।

कोविड-19 महामारी स्थिति और टीके के वितरण तथा प्रबंधन की तैयारी की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री ने प्रतिदिन के मामलों और वृद्घि दर में लगातार गिरावट का उल्लेख किया। साथ ही उन्होंने इस बीमारी के खिलाफ किसी भी तरह की ढिलाई बरतने के खिलाफ चेताया और महामारी को नियंत्रित करने के प्रयासों को जारी रखने का आह्वान किया। उन्होंने त्यौहारों के आगामी मौसम में विशेष तौर पर कोविड-19 दिशा-निर्देशों का पालन किए जाने का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा कि लोगों को इस महामारी के खिलाफ कोई ढिलाई नहीं बरतते हुए मास्क लगाना चाहिए, नियमित रूप से हाथों को धोना चाहिए और साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए। बैठक में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य), प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, वरिष्ठ वैज्ञानिक, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अधिकारी और विभिन्न अन्य विभागों के अधिकारी शामिल हुए।

पीएमओ ने एक बयान में कहा कि भारत में तीन टीके विकसित होने के उन्नत चरणों में है, जिनमें से दो टीके दूसरे चरण में और एक टीका तीसरे चरण में है। बयान में कहा गया है कि भारतीय वैज्ञानिक और अनुसंधान टीम पड़ोसी देशों जैसे अफगानिस्तान, भूटान, बांग्लादेश, मालदीव, मॉरीशस, नेपाल और श्रीलंका में सहयोग और अनुसंधान क्षमताओं को मजबूत कर रहे हैं। अपने देशों में क्लीनिकल परीक्षणों के लिए बांग्लादेश, म्यामां, कतर और भूटान से और अनुरोध मिले हैं।

वैश्विक समुदाय की मदद करने के लिए प्रधानमंत्री ने निर्देश दिए कि हमें अपने पड़ोस में अपने प्रयासों को सीमित नहीं करना चाहिए बल्कि टीका, दवाइयां उपलब्ध कराने और टीका वितरण के वास्ते आईटी मंचों के लिए पूरी दुनिया तक पहुंच बनानी चाहिए। कोविड-19 टीके के प्रबंधन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह ने राज्य सरकारों और सभी संबंधित हितधारकों से परामर्श कर टीके के भंडारण, वितरण और प्रबंधन का एक विस्तृत खाका तैयार किया और प्रस्तुत किया है।

मोदी ने निर्देश दिए कि देश के भौगोलिक फैलाव और विविधता को ध्यान में रखते हुए, टीके की पहुंच तेजी से सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वितरण और प्रबंधन में हर कदम ठोस तरीके से उठाया जाना चाहिए। बयान में कहा गया है, प्रधानमंत्री ने निर्देश दिए है कि हमें देश में चुनाव और आपदा प्रबंधन के सफल आयोजन के अनुभव का उपयोग करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी तरीके से टीका वितरण और प्रबंधन व्यवस्थाओं को लागू किया जाना चाहिए।

पीएमओ ने कहा, इसमें राज्योंा केन्द्र शासित प्रदेशों/जिला-स्तरीय पदाधिकारियों, नागरिक समाज संगठनों, स्वयंसेवियों, नागरिकों और विशेषज्ञों की भागीदारी होनी चाहिए। पूरी प्रक्रिया में एक मजबूत आईटी आधार होना चाहिए। इसमें कहा गया है कि आईसीएमआर और जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) द्वारा भारत में सार्स-सीओवी-2 (कोविड-19 वायरस) के जीनोम पर दो अखिल भारतीय अध्ययनों से पता चलता है कि वायरस आनुवंशिक रूप से स्थिर है, इसमें कोई बड़ा परिवर्तन नहीं है।

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