प्रधानमंत्री मोदी ने भारत माता का एक टुकड़ा चीन को दिया : राहुल गांधी

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने चीन के साथ सीमा पर गतिरोध को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से संसद के दोनों सदनों में दिए गए वक्तव्य की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत माता का एक टुकड़ा चीन को दे दिया। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि प्रधानमंत्री चीन के सामने झुक गए और उन्होंने सैनिकों की शहादत के साथ विश्वासघात किया है।

कांग्रेस नेता ने संवाददाताओं से कहा, कल रक्षा मंत्री ने संसद के दोनों सदनों में बयान दिया। कई ऐसी चीजें हैं, जिन्हें स्पष्ट करने की जरूरत है। पहली बात यह है कि इस गतिरोध के शुरुआत से ही भारत का यह रुख रहा है कि अप्रैल, 2020 से पहले की यथास्थिति बहाल होनी चाहिए, लेकिन रक्षा मंत्री के बयान से स्पष्ट है कि हम फिंगर 4 से फिंगर 3 तक आ गए। राहुल गांधी ने दावा किया, सरकार अपने पुराने रुख को भूल गई।

चीन के सामने नरेंद्र मोदी ने अपना सिर झुका दिया, मत्था टेक दिया। हमारी जमीन फिंगर 4 तक है। मोदी ने फिंगर 3 से फिंगर 4 की जमीन जो हिंदुस्तान की पवित्र जमीन थी, चीन को सौंप दी है। उन्होंने कहा, देपसांग के इलाके में चीन अंदर आया है। रक्षा मंत्री इस बारे में एक शब्द नहीं बोला। गोगरा और हॉट स्प्रिंग के बारे में एक शब्द नहीं बोला, जहां चीनी बैठे हुए हैं।

उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने भारतीय सीमा चीन को क्यों दी ? इसका जवाब प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को देना है। कांग्रेस ने कहा, सफलता किस बात की? चीन की सफलता इस बात की हो सकती है कि प्रधानमंत्री जी चीन के सामने झुक गए हैं। वो सफलता चीन की है, हिंदुस्तान की नहीं है। वो हमारे घर के अंदर आए हैं। पूरी दुनिया कह रही है कि चीन हमारे घर के अंदर आया है और हमने उनको अपना घर दे दिया। उन्होंने दावा किया, सवाल पेट्रोलिंग (गश्त लगाने) का नहीं है, बल्कि यह है कि भारत माता फिंगर 4 तक थी। अब भारत माता का एक टुकड़ा चीन के पास है और नरेंद्र मोदी ने भारत माता का टुकड़ा चीन को पकड़ा दिया है। यही वास्तविकता है।

गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को संसद के दोनों सदनों को बताया कि चीन के साथ पैंगोंग झील के उत्तर एवं दक्षिण किनारों पर सेनाओं के पीछे हटने का समझौता हो गया है और भारत ने इस बातचीत में कुछ भी खोया नहीं है। सिंह ने कहा कि पैंगोंग झील क्षेत्र में चीन के साथ सेनाओं के पीछे हटने का जो समझौता हुआ है, उसके अनुसार दोनों पक्ष अग्रिम तैनाती चरणबद्ध, समन्वय और सत्यापन के तरीके से हटाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि अब भी पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनाती तथा गश्ती के बारे में कुछ लंबित मुद्दे बचे हुए हैं, जिन्हें आगे की बातचीत में रखा जाएगा।

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