अंबाला। देश की सर्वोच्च सेनापति, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज (बुधवार) सुबह हरियाणा के अंबाला वायुसेना स्टेशन से राफेल लड़ाकू विमान में सफलतापूर्वक उड़ान भरी। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ, वह राफेल जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान में उड़ान भरने वाली भारत की पहली राष्ट्रपति बन गई हैं।राष्ट्रपति भवन ने इस सफल उड़ान को भारतीय वायुसेना के इतिहास में एक नया मील का पत्थर बताया है।
इस उपलब्धि के साथ, वह भारतीय वायुसेना के दो अलग-अलग लड़ाकू विमानों में उड़ान भरने वाली भारत की पहली राष्ट्रपति बन गई हैं।

वायुसेना स्टेशन पर इस ऐतिहासिक पल के गवाह बनने के लिए वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। राष्ट्रपति मुर्मू ने उड़ान भरकर भारतीय वायुसेना की परिचालन क्षमता और जवानों के उच्च मनोबल का प्रत्यक्ष अनुभव किया। यह उड़ान सशस्त्र बलों के प्रति सर्वोच्च कमांडर के अटूट समर्थन को भी दर्शाती है।
तीसरी राष्ट्रपति, पहली राफेल उड़ान
यह राष्ट्रपति मुर्मू की किसी लड़ाकू विमान में दूसरी उड़ान थी, लेकिन राफेल में यह उनकी पहली उड़ान थी।उन्होंने इससे पहले 8 अप्रैल, 2023 को असम के तेजपुर वायुसेना स्टेशन से सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी।वह डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम (2006)और प्रतिभा पाटिल (2009) के बाद किसी भी लड़ाकू विमान में उड़ान भरने वाली देश की तीसरी राष्ट्रपति हैं।

फ्रांसीसी कंपनी दसॉ एविएशन द्वारा निर्मित राफेल लड़ाकू विमान को सितंबर 2020 में अंबाला वायुसेना स्टेशन पर औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। इस विमान ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।





