लखनऊ। मशहूर कथक नृत्यांगना मंजरी चतुर्वेदी ने कव्वाली पर आधारित उनकी प्रस्तुति को जानबूझकर रोके जाने का आरोप लगाया है।
उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग के अधिकारी ने हालांकि इन आरोपों को निराधार बताया है। चतुर्वेदी ने मीडिया से बातचीत में कहा, मुझे उप्र के संस्कृति विभाग ने कार्यक्रम के लिए बुलाया था। मेरा कार्यक्रम चल रहा था कि अचानक कार्यक्रम रोक दिया गया। मैं 45 मिनट तक प्रस्तुति दे चुकी थी और स्टेज पर ही थी कि अचानक संगीत बंद हो गया। मैंने तकनीकी कर्मचारियों की तरफ देखा लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
उन्होंने कहा, जब आप स्टेज पर हों और अचानक संगीत बंद हो जाए तो आप चिल्ला नहीं सकते और न ही कुछ कह सकते हैं। तभी उद्घोषक ने अगले कार्यक्रम की घोषणा कर दी और मेरा कार्यक्रम अधूरा रह गया। बाद में तकनीकी कर्मचारियों ने बताया कि कोई तकनीकी खराबी नहीं थी।
नृत्यांगना ने कहा,बाद में मैनें अधिकारियों से सुना कि यहां पर कव्वाली नहीं हो सकती, यहां कव्वाली का आयोजन नहीं हो सकता। इस बारे में पूछे जाने पर संस्कृति विभाग के अधिकारियों ने कहा, कार्यक्रम चल रहा था, मौसम बहुत खराब था इसलिए निर्णय लिया गया कि हर कलाकार के दो ही कार्यक्रम होंगे।
कव्वाली पर प्रस्तुति को बीच में ही जबरन रोक दिए जाने के चतुर्वेदी के आरोपों पर अधिकारियों ने कहा,वह जो कह रही हैं वह सच नहीं है। उनका कव्वाली का कार्यक्रम हो चुका था। वह अगला कार्यक्रम करना चाहती थीं जिससे उनको रोका गया क्योंकि समय नहीं था। कव्वाली कार्यक्रम रोकने का आरोप पूरी तरह से निराधार है।