भोपाल । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को मध्यप्रदेश के धार जिले के अपने दौरे के दौरान देश के पहले पीएम मित्र पार्क की आधारशिला रखेंगे और पखवाड़े भर चलने वाले सेवा पखवाड़ा का शुभारंभ करेंगे।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यह जानकारी दी। यादव ने सोमवार रात मीडिया को दिए एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री बुधवार को धार जिले के भैंसोला गांव में स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान का भी शुभारंभ करेंगे। इसमें माताओं और शिशुओं के स्वास्थ्य के लिए प्रसव पूर्व जांच और पोषण परामर्श भी दिया जाएगा। किशोरियों के लिए मासिक धर्म स्वच्छता और पोषण पर प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पखवाड़ा प्रधानमंत्री के स्वस्थ समाज, सशक्त राष्ट्र के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को विकसित भारत 2047 के मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। यादव ने कहा, हम एक स्वस्थ समाज की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। महिलाओं का स्वास्थ्य और सशक्तिकरण प्रगति का आधार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री अपने जन्मदिन के अवसर पर मध्यप्रदेश के दौरे पर आ रहे हैं।
वह सेवा पखवाड़ा (17 सितंबर से दो अक्टूबर तक आयोजित होने वाला सेवा पखवाड़ा) का उद्घाटन करेंगे और राज्य की जनता को संबोधित करेंगे। यादव ने बताया कि धार में प्रस्तावित पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल (पीएम मित्र) पार्क को 114 प्रमुख कपड़ा कंपनियों से 23 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि पार्क परियोजना के पूरी तरह विकसित होने पर रोजगार का आंकड़ा तीन लाख तक पहुंचने का अनुमान है। यह केवल एक संख्या नहीं है, बल्कि लाखों परिवारों के जीवन में आने वाला एक ठोस बदलाव है।
एक अधिकारी ने पहले बताया था कि यह पार्क 5 एफ विजन – फार्म-टू-फाइबर-टू-फैक्टरी-टू-फैशन-टू-फॉरेन – पर आधारित है। उन्होंने बताया कि पीएम मित्र पार्क की कुल 2,158 एकड़ भूमि में से लगभग।,300 एकड़ भूमि का आवंटन पूरा हो चुका है और शेष भूमि भी चरणबद्ध तरीके से उपलब्ध कराई जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी 17 सितंबर को 75 वर्ष के हो जाएंगे और अपने जन्मदिन पर यह उनका मध्य प्रदेश का दूसरा दौरा होगा। प्रधानमंत्री ने 17 सितंबर, 2022 को नामीबिया से लाए गए जंगली चीतों को राज्य के श्योपुर जÞिले के कुनो राष्ट्रीय उद्यान के एक बाड़े में छोड़ा था। इन चीतों को प्रोजेक्ट चीता के तहत भारत लाया गया था।