वरिष्ठ संवाददाता लखनऊ। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) में रविवार को पूर्व राष्ट्रपति डॉ कलाम की जयंती के मौके पर इनोवेशन डे के रूम में मनाया गया। इस दौरान विश्वविद्यालय के इनोवेशन हब और आई हब गुजरात के सहयोग से स्टार्टअप संवाद 2.0 में बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल शामिल हुईं।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि युवाओं को कठिन परिश्रम से परिणाम तक पहुंचना होगा। आज दुनिया में जो सबसे बड़े पूंजिपति हैं उन्होंने अपनी शुरूआत छोटे से की। सफलता असफलता के साथ लगे रहे। तब जाकर उन्हें आज मुकाम हासिल हुआ है। इसलिए धैर्य के साथ कठिन परिश्रम करना होगा। स्टार्टअप के लिए सबसे जरूरी धैर्य है। कठिन परिश्रम से ही व्यक्ति और देश आगे बढ़ सकता है।
कहा कि डॉ कलाम का युवाओं पर बहुत भरोसा था। वे कहते थे कि युवा कुछ भी कर सकता है। उनके सपने को आज के युवाओं को सच करना होगा। कहा कि डॉ कलाम के बनने में उनके शिक्षकों का अहम योगदान था। इसलिए हमारे शिक्षकों को अपने छात्रों की प्रतिभा को पहचाना होगा। उनका मार्गदर्शन करना पडेगा। इस विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी है कि वो अपने छात्रों को डॉ कलाम की तरह तैयार करे।
कहा कि हमारा देश उद्यमिता और नवाचार में काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है। स्टार्टअप का ऐसा माहौल बना है कि पिछले कुछ सालों में ही देश में एक लाख से ज्यादा स्टार्टअप पंजीकृत हैं। यह एक बड़ा नंबर है। यूनिकॉर्न की संख्या सौ से ज्यादा है। जिससे रोजगार सृजन हुुआ है। युवाओं को इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए सरकार तमाम योजनाएं ला रही है। लेकिन उनके प्रशिक्षण की जिम्मेदारी शैक्षिक संस्थानों और उनके विशेषज्ञों की है।
तकनीकी के दुरूपयोग पर जताई चिंता
राज्यपाल ने नई तकनीकी के दुरूपयोग पर चिंता जाहिर की। कहा कि तकनीकी मानव कल्याण के लिए है। लेकिन इसका दुरूपयोग हो रहा है। उन्होंने कहा कि एआई का यूज जहां सकारात्मक हो रहा है तो इसका प्रयोग लोग गलत कामों में भी कर रहे हैं। इसी तरह से सोनोग्राफी के जरिये गर्भ में ही भू्रण हत्या हो रही है। हमारे विश्वविद्यालयों और शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि वह छात्रों को सकारात्मक सोच के लिए प्रेरित करें।
स्टार्ट अप इकोसिस्टम ले रहा क्रांति का रूप
विशिष्ट अतिथि ईडीआईआई के महानिदेशक डॉ सुनील शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में स्टार्टअप इको सिस्टम का परिणाम देखने को मिल रहा है। यह अब धीरे.धीरे क्रांति का रूप ले रहा है। युवा अब नौकरी करने की बजाय रोजगार देने वाले बन रहे हैं। कहा कि माननीय राज्यपाल के निर्देशन में ईडीआईआई प्रदेश के कई विश्वविद्यालयों में स्टार्टअप के लिए छात्रों को प्रशिक्षत कर रहा है।
स्वागत करते हुए कुलपति प्रो जेपी पांडेय ने कहा कि राज्यपाल के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। कहा कि आत्मनिर्भर भारत का रास्ता स्टार्टअप के जरिये होकर गुजरता है। कहा कि माननीय राज्यपाल ने ग्रामीण महिलाओं को ड्रोन पायलट बनाने का टास्क दिया है। जिसे पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय प्रतिबद्ध है। कहा कि स्टार्टअप व इनोवेशन ने नई उर्जा दी है। कार्यक्रम का संचालन डॉ अनुज कुमार शर्मा ने किया जबकि धन्यवाद वित्त अधिकारी श्री सुशील कुमार गुप्ता ने दिया। इस मौके पर प्रतिकुलपति प्रो मनीष गौड़ए प्रो वंदना सहगलए प्रो विनीत कंसलए प्रो वीरेंद्र पाठकए डॉ आरके सिंहए डॉ डीपी सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
स्टार्टअप रिपोर्ट में भारत चौथे स्थान पर : मुख्य सचिव
इसके पहले प्रथम सत्र में कार्यक्रम का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि मुख्य सचिव दुगार्शंकर मिश्र ने किया। कार्यक्रम में कृषिए तकनीकीए स्वास्थ्य सहित सर्विस से जुड़ स्टार्टअप की प्रदर्शनी लगायी गयी थी।
उन्होंने कहा कि हाल ही में आयी स्टार्टअप रिपोर्ट के अनुसार भारत में 90 हजार से ज्यादा स्टार्टअप पंजीकृत हैं। जो कि दुनिया में चौथे स्थान पर है। वहीं स्टार्टअप के लिए इकोसिस्टम के मामले में देश दुनिया में तीसरे पायदान पर स्थित है। जबकि उत्तर प्रदेश में दस हजार के करीब स्टार्टअप पंजीकृत हैं। इससे पता चलता है कि पिछले कुछ सालों में स्टार्टअप को लेकर सरकार की ओर से किये जा रहे प्रयास का परिणाम अब दिखने लगा है। पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइलमैन आॅफ इंडिया डॉ कलाम साहब हमेशा बच्चों में छिपी प्रतिभा को निखारने और सामने लाने का प्रयास करते थे।
कलाम साहब का यह सपना स्टार्टअप के जरिये सच हो रहा है।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो जेपी पांडेय ने कहा कि पिछले दो वर्षों में विश्वविद्यालय ने प्रदेश में स्टार्टअप इको सिस्टम बनाने का प्रयास किया है। जिससे कि हर क्षेत्र में स्टार्टअप हो सके। कहा कि अब छात्रों की सोच में परिवर्तन आया है। बतौर मेंटॉर हमारी जिम्मेदारी है कि छात्रों को स्टार्टअप के लिए प्रेरित करने के साथ ही उनको सहयोग देने पर पूरा फोकस करें। संचालन वंदना शर्मा ने दिया। इस मौके पर प्रो वंदना सहगल,उपकुलसचिव डॉ आरके सिंह,डॉ डीपी सिंह, डॉ अनुज कुमार शर्मा, इनोवेशन हब के हेड महीप सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
कंपनियों के साथ हुआ एमओयू
कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश के स्टार्टअप को आगे बढ़ाने और उनके मेंटॉरशिप के लिए राज्यपाल की मौजूदगी में एकेटीयू इनोवेशन हब का कई कंपनियों के साथ एमओयू साइन हुआ। इसमें आई हब गुजरात, काउंसिल फार साइंस एंड टेक्नोलॉजी, यस बैंक, वी फाउंडर सर्किल, वाधवानी फाउंडेशन, हेडस्टार, रोमिंग सेल्स प्राइवेट लिमिटेड, कॉगनिफी वेंचर्स से एमओयू के दस्तावेज वित्त अधिकारी सुशील कुमार गुप्ता ने आदान.प्रदान किया।