लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी द्वारा रिहाई की मांग किए जाने के अगले दिन पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने पार्टी प्रवक्ता सदफ जाफर से सोमवार को जेल में मुलाकात की और आरोप लगाया कि पुलिस ने हिंसा कर रहे बलवाइयों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उनके बारे में सूचना देने वाली सदफ को ही पकड़ कर थर्ड डिग्री से भी ज्यादा गंभीर प्रताड़नाएं दीं।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और पार्टी विधानमंडल दल के नेता आराधना मिश्रा ने जेल में सदफ मुलाकात की। लल्लू ने भाषा को बताया कि सदफ ने झेले में पत्थर भरकर लाए 15-20 लड़कों की पुलिस से शिकायत की थी मगर पुलिसकर्मियों ने उन अराजक तत्वों को पकड़ने के बजाय सदफ को ही बुरी तरह मारा-पीटा। उन्होंने बताया कि सदफ संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन के दौरान कौमी तराना ‘सारे जहां से अच्छा’ गा रही थीं तभी अराजक तत्वों ने उन पर पथराव किया।
उन्होंने पुलिस से शिकायत की लेकिन पुलिस ने उन्हीं को पकड़ कर थर्ड डिग्री से भी ज्यादा गंभीर प्रताड़ना दी। लल्लू ने दोहराया कि नए नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा पूरी तरह से सरकार द्वारा प्रायोजित थी लिहाजा इसकी उच्च स्तरीय न्यायिक जांच होनी चाहिए। मालूम हो कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने कल एक ट्वीट कर सदफ की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए उन्हें फौरन रिहा करने की मांग की थी। इस बीच, अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी सुरेश चंद्र रावत ने कहा कि सदफ को गत 19 दिसंबर को लखनऊ में हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
कांग्रेस के नेताओं ने आज सदफ से मुलाकात की है और वे उनके बारे में बेहतर बता सकते हैं। इससे पहले नाहिद ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा था ‘मेरी बहन सदफ को परिवर्तन चौक से गिरफ्तार कर लिया गया है जो कि बिल्कुल गलत है और पुलिस का कायरतापूर्ण कारनामा है। सदफ की गिरफ्तारी के बारे में हमें कुछ नहीं बताया गया। उनके बच्चे और हम सभी बेहद परेशान हैं।’ मालूम हो कि गत 19 दिसंबर को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ लखन में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इसमें एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी तथा अनेक लोग घायल हो गए थे।