नयी दिल्ली। सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर बुधवार को पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए उसके साथ राजनयिक संबंधों में व्यापक कटौती, सिंधु जल संधि स्थगित करने और अटारी चौकी को बंद किए जाने समेत कई फैसले किए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने इस जघन्य हमले की निंदा की और पाकिस्तान को लेकर पांच सूत्री कदमों का निर्णय लिया।
सीसीएस ने स्पष्ट किया कि हमले के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और उनके प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाएगा। इसके साथ ही सभी बलों को उच्च सतर्कता बनाए रखने का निर्देश दिया गया है। दक्षिणी कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे। सीसीएस की बैठक के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संवादाताओं को फैसलों से अवगत कराया। उन्होंने कहा, सीसीएस ने हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
मिस्री के अनुसार, दुनिया भर की कई सरकारों ने अपना समर्थन और एकजुटता दिखाई है और उन्होंने स्पष्ट रूप से इस आतंकवादी हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा, सीसीएस ने ऐसी भावनाओं की सराहना की, जो आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता को दर्शाती है। विदेश सचिव ने बताया कि सीसीएस को दी गई ब्रीफिंग में आतंकवादी हमले के सीमा पार संबंधों को सामने लाया गया। उन्होंने कहा कि इस बात को रेखांकित किया गया कि यह हमला जम्मू-कश्मीर में चुनावों के सफल आयोजन और आर्थिक वृद्धि तथा विकास की दिशा में इसकी निरंतर प्रगति के मद्देनजर हुआ।
उन्होंने कहा कि 1960 की सिंधु जल संधि तत्काल प्रभाव से स्थगित रहेगी, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय रूप से सीमापार आतंकवाद को अपना समर्थन बंद नहीं कर देता। अटारी एकीकृत जांच चौकी को भी तत्काल प्रभाव से बंद करने का फैसला किया गया है। उनके अनुसार, पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षाासैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित (पर्साेना नॉन ग्राटा) घोषित किया गया है तथा उनसे एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने के लिए कहा गया है। विदेश सचिव ने कहा, भारत इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षाानौसेनाावायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। दोनों उच्चायोगों से सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारियों को भी वापस लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि एक मई, 2025 तक और कटौती के माध्यम से उच्चायोगों में तैनात लोगों की कुल संख्या वर्तमान में 55 से घटाकर 30 कर दी जाएगी। मिस्री ने बताया कि पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा, पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी एसवीईएस वीजा को रद्द माना जाएगा। एसवीईएस वीजा के तहत वर्तमान में भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे हैं।