सत्तापक्ष और विपक्ष का संसद परिसर में आमने-सामने प्रदर्शन, धक्का-मुक्की का आरोप-प्रत्यारोप

नयी दिल्ली। बाबासाहेब आंबेडकर से संबंधित मुद्दे पर विपक्ष और सत्तापक्ष के सदस्यों ने बृहस्पतिवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया और इस दौरान उनकी कथित तौर पर धक्का-मुक्की भी हुई। भारतीय जनता पार्टी का आरोप है कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने धक्का-मुक्की की जिस वजह से उसके बुजुर्ग सांसद प्रताप सारंगी चोटिल हुए। सारंगी को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया।

दूसरी तरफ, राहुल गांधी ने दावा किया कि भाजपा सांसदों ने उन्हें और अन्य विपक्षी सदस्यों को संसद भवन में जाने से रोका और धक्का-मुक्की की। गृह मंत्री अमित शाह की, बाबासाहेब आंबेडकर से संबंधित टिप्पणी को लेकर विरोध जताते हुए विपक्षी सदस्यों ने मार्च निकाला तो भाजपा सांसदों ने कांग्रेस पर बाबासाहेब के अपमान का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। संसद भवन के मकर द्वार के निकट सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्य एक दूसरे के सामने आ गए और जमकर नारेबाजी की।

कांग्रेस ने एक वीडियो जारी कर दावा किया कि भाजपा सदस्यों ने संसद परिसर में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और प्रियंका गांधी वाद्रा समेत कई महिला सांसदों के साथ धक्का-मुक्की की, जो भाजपा की तानाशाही को दिखाता है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया, राहुल गांधी मारपीट करने के लिए बीच में घुसे थे। उनका व्यवहार मानो गुंडे का व्यवहार था, यह देश गुंडे को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने हमारे एक बुजुर्ग सांसद को धक्का देकर गिरा दिया।

राहुल गांधी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, मैं संसद के अंदर जाने की कोशिश कर रहा था। लेकिन भाजपा के सांसद मुझे रोकने की कोशिश कर रहे थे, धक्का दे रहे थे और धमका रहे थे। राहुल गांधी ने दावा किया कि खरगे और प्रियंका गांधी के साथ भी धक्का-मुक्की की गई, लेकिन इससे विपक्ष को फर्क नहीं पड़ता। कांग्रेस नेता ने कहा, यह संसद है और अंदर जाना हमारा अधिकार है।

उन्होंने कहा कि मुख्य मुद्दा यह है कि संविधान और बाबासाहेब की स्मृति का अपमान हुआ है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संवाददाताओं को बताया कि सारंगी के सिर में चोट लगी और खून रोकने के लिए कुछ टांके लगाए गए हैं। चौहान और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने अस्पताल जाकर सारंगी से मुलाकात भी की। विपक्ष के कई सदस्य बृहस्पतिवार को नीले रंग के कपड़े पहन कर संसद पहुंचे थे और उनके हाथ में बाबासाहेब की तस्वीर वाली तख्तियां थीं। नीला रंग आंबेडकर और उनके विचारों के प्रतीक के तौर पर देखा जाता है।

अक्सर सफेद रंग की टी-शर्ट पहनने वाले राहुल गांधी बृहस्पतिवार को नीले रंग की टी-शर्ट पहनकर संसद पहुंचे। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने नीले रंग की साड़ी पहन रखी थी। शाह की टिप्पणी को लेकर संसद के दोनों सदनों में बुधवार से गतिरोध बना हुआ है। कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों का आरोप है कि शाह ने भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा विषय पर राज्यसभा में दो दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार को अपने संबोधन के दौरान बाबासाहेब का अपमान किया।

मुख्य विपक्षी दल ने शाह के संबोधन का एक वीडियो अंश भी जारी किया, जिसमें गृह मंत्री विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह कहते सुने जा सकते हैं, अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर…। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। दूसरी तरफ, भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा बाबासाहेब का अपमान किया और उन्हें चुनाव में तक हरवाया।

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