नयी दिल्ली। मानसून सत्र के पहले दिन दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित होने के बाद, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि रक्षा मंत्री को सदन में बोलने की अनुमति है, लेकिन विपक्ष के सदस्यों, जिनमें मैं भी शामिल हूं, जो विपक्ष का नेता हूं, को बोलने की अनुमति नहीं है। यह एक नया दृष्टिकोण है। परंपरा कहती है कि यदि सरकार की ओर से लोग बोल सकते हैं, तो हमें भी बोलने की जगह दी जानी चाहिए।
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि अगर सरकार चर्चा के लिए तैयार हैं, तो उन्हें विपक्ष के नेता को बोलने देना चाहिए। वह बोलने के लिए खड़े हुए हैं, इसलिए उन्हें बोलने दिया जाना चाहिए। सपा सांसद राजीव राय ने कहा कि हमारे लिए राष्ट्रहित सर्वोच्च है। पूरा विपक्ष और जनता सशस्त्र बलों और सरकार के साथ खड़ी है। प्रधानमंत्री को देश को बताना चाहिए कि पहलगाम में निर्दोष लोगों की हत्या करने वाले आतंकवादी कहां हैं? सुरक्षा में इस नाकामी की जिम्मेदारी कौन लेगा?
ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सांसदों के लगातार नारे लगाने के कारण लोकसभा की कार्यवाही 1400 बजे तक स्थगित कर दी गई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है। वहीं, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि चर्चा के एजेंडे पर निर्णय लेने के लिए 1430 बजे बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक होगी। सरकार चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन वे (विपक्षी सांसद) यहां (सदन के वेल में) विरोध कर रहे हैं। मानसून सत्र के पहले दिन इस तरह विरोध करना सही नहीं है।
स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर जवाब देना चाहती है। सदन चलना चाहिए। आप यहां नारे लगाने नहीं आए हैं। सदन नियम-कानून के अनुसार चलता है। विपक्ष से उन्होंने कहा कि यदि उन्हें नारेबाजी करनी है तो वे सदन से बाहर चले जाएं क्योंकि सदन के भीतर ऐसा करना उचित नहीं है। नियमानुसार उठाए गए सभी मुद्दों पर चर्चा होगी। विपक्ष ने उन्होंने कहा कि आप नोटिस दीजिए और जो भी मुद्दा हो, उस पर प्रश्नकाल के बाद चर्चा होगी। पहले दिन सदन चलना चाहिए और अच्छी चर्चा होनी चाहिए। मैं हर सांसद को उचित समय और अवसर दूँगा।