गुवाहाटी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार की नई शिक्षा नीति (एनईपी) आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी तथा भारतीय छात्रों को वैश्विक स्तर पर और अवसर मुहैया कराने के लिए शिक्षा क्षेत्र को खोलेगी।
मोदी ने कहा कि समग्र ज्ञान सभी समस्याओं का समाधान है और विज्ञान इसका अहम भाग है। एनईपी भारत को दुनिया में शिक्षा के केंद्र के तौर पर स्थापित करेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आईआईटी (गुवाहाटी) के 22वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, छात्रों, मेरा दृढ़ विश्वास है कि आज के युवा राष्ट्र का भविष्य हैं। आपके सपने भारत के भविष्य को आकार प्रदान करेंगे, इसी लिए, हमें भविष्य के लिए तैयार रहने की जरूरत है।
मोदी ने आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में एक महत्वपूर्ण घटक के तौर पर शिक्षा की महत्ता के बारे में बताते हुए कहा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21वीं सदी के आप जैसे युवाओं के लिए ही है। वो युवा जो दुनिया को लीड करेगा और साइंस व तकनीक में भारत को ग्लोबल लीडर बनाएगा।
उन्होंने कहा कि एनईपी को इस तरह से तैयार किया गया है कि इससे छात्रों पर कक्षा में शिक्षण एवं परीक्षा का बोझ कम होगा और यह देश को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा, हम सभी जानते हैं कि ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती। एनईपी देश के शिक्षा क्षेत्र को खोलेगी। इसका मकसद यह है कि विदेशी विश्वविद्यालयों के परिसर भी देश में खुल सकें और हमारे छात्रों को वैश्विक अवसर यहीं मिल सकें।
उन्होंने कहा, इसी तरह भारतीय एवं विदेशी विश्वविद्यालयों के बीच अनुसंधान के क्षेत्र में गठजोड़ और छात्रों के आदान-प्रदान के कार्यक्रम प्रोत्साहित किए जाएंगे। मोदी ने कहा, एनईपी भारत को शिक्षा के एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करेगी।
उन्होंने कहा कि भारत के अच्छा प्रदर्शन करने वाले संस्थानों को विदेशों में परिसर खोलने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
मोदी ने कहा कि इस नीति में वे सभी चीजें हैं, जो युवा चाहते थे। उन्होंने कहा, एनईपी को बहुआयामी बनाया गया है और विषयों (को चुनने) के लिए लचीलापन प्रदान किया गया है। बहुस्तरीय प्रवेश एवं निकास विकल्प मुहैया कराए गए हैं। उन्होंने कहा, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि एनईपी शिक्षा को प्रौद्योगिकी से जोड़ेगी और प्रौद्योगिकी को छात्रों की सोचने की प्रक्रिया का अहम हिस्सा बनाएगी। इसका अर्थ यह हुआ कि छात्र प्रौद्योगिकी के बारे में सोचेंगे और उसके बारे में सीखेंगे।
मोदी ने कहा कि एनईपी कृत्रिम मेधा के इस्तेमाल और ऑनलाइन सीखने की प्रक्रिया के विस्तार के मार्ग भी खोलेगी। उन्होंने कहा कि सीखने की प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी मंच स्थापित किया जाएगा और इस मामले में आईआईटी में अपार संभावनाएं हैं।