नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) को टालने से सोमवार को इनकार करते हुए कहा कि वह प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करना चाहता और इसकी तारीख में बदलाव करना अनुचित होगा। नीट-यूजी 12 सितंबर को होनी है। न्यायमूर्ति एएम खानविलकर, न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि यदि छात्र कई परीक्षाओं में बैठना चाहते हैं तो उन्हें प्राथमिकता तय करनी होगी और अपना विकल्प चुनना होगा क्योंकि ऐसी स्थिति तो कभी नहीं हो सकती जिसमें परीक्षा की तारीख से हर कोई संतुष्ट हो। शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता इस मुद्दे पर संबंधित अधिकारियों के समक्ष अपनी बात रखने के लिए स्वतंत्र हैं और इस बारे में कानून के अनुरूप जल्द फैसला लिया जाए। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश अधिवक्ता शोएब आलम से पीठ ने कहा, आप जो दलीलें दे रहे हैं हो सकता है कि वे 99 फीसदी उम्मीदवारों के लिए प्रासंगिक न हों। एक फीसदी उम्मीदवारों के लिए पूरे तंत्र को रोका नहीं जा सकता। आलम ने कहा था कि चिकित्सा प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी 2021 को टाला जाए क्योंकि 12 सितंबर के आसपास कई अन्य परीक्षाएं भी होनी हैं। इस पर पीठ ने कहा, परीक्षा की तारीख बदलना बहुत ही अनुचति होगा क्योंकि नीट एक बहुत व्यापक पैमाने पर होने वाली परीक्षा है। यह राज्यवार नहीं होती, यह देशभर में होने वाली परीक्षा है।