back to top

हाथरस मामले को लेकर मायावती ने योगी सरकार पर उठाए सवाल

लखनऊ। बसपा प्रमुख मायावती ने हाथरस सामूहिक दुष्कर्म मामले को लेकर सोमवार को योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इस मामले में जो नए तथ्य सामने आ रहे हैं, वे राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं। हाथरस मामले की विशेष अदालत में सुनवाई के दौरान पीड़ित पक्ष के गवाहों और अधिवक्ता को धमकाने की कथित घटना पर उच्च न्यायालय के कड़े रुख के बीच बसपा अध्यक्ष मायावती ने यह टिप्पणी की।

गौरतलब है कि पीड़िता के भाई की ओर से उच्च न्यायालय में एक अर्जी पेश कर उनके वकील शरद भटनागर ने कहा था कि पांच मार्च को इस मामले में विशेष न्यायाधीश के समक्ष हाथरस में सुनवाई चल रही थी तभी भीड़ और कुछ वकीलों ने आकर अदालत में तमाशा खड़ा किया और पीड़िता के अधिवक्ता को धमकी दी कि वह उनका मुकदमा नहीं लड़ें। अर्जी के मुताबिक बाद में अदालत के आदेश पर पुलिस की सुरक्षा में अधिवक्ता को हाथरस की सीमा तक छुड़वाना पड़ा।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने जिला न्यायाधीश हाथरस व सीआरपीएफ के महानिरीक्षक को हाथरस मामले में विशेष न्यायाधीश के समक्ष पांच मार्च को सुनवाई के दौरान गवाहों व पीड़िता के अधिवक्ता को कथित तौर पर धमकी देने व अदालत में तमाशा खड़ा करने के आरोपों की 15 दिनों के भीतर जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।

मायावती ने सोमवार को सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, उत्तर प्रदेश के अति-दु:खद व शर्मनाक हाथरस गैंगरेप मामले के पीड़ित परिवार को न्याय पाने में जिन कठिनाइयों का लगातार सामना करना पड़ रहा है, वह जग-जाहिर है, किन्तु उस संबंध में जो नए तथ्य अब अदालत में उजागर हुए, वे पीड़ितों को न्याय दिलाने के मामले में सरकार की कार्यशैली पर पुन: गंभीर प्रश्न खड़े करते हैं।

उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा, हाथरस कांड में नए तथ्यों का उच्च न्यायालय द्वारा संज्ञान लेकर गवाहों को धमकाने आदि की जाँच का आदेश देने से उप्र सरकार फिर कठघरे में है, और लोग सोचने को मजबूर हैं कि पीड़ितों को न्याय कैसे मिलेगा? यह आम धारणा है कि उत्तर प्रदेश में अपराधियों का राज है और न्याय पाना अति-कठिन है, क्या गलत है? न्यायमूर्ति राजन राय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की पीठ ने अदालत द्वारा पूर्व में हाथरस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर दर्ज की गई एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किया।

अदालत ने कहा है कि रिपोर्ट आने के बाद सुनवाई अन्यत्र स्थानांतरित करने पर विचार होगा। अपने आदेश में पीठ ने चेतावनी दी कि अगर कोई व्यक्ति सुनवाई को प्रभावित करने की कोशिश करेगा या पीड़िता के परिजनों व गवाहों के जीवन, स्वतंत्रता व सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्वाई की जाएगी और उसके खिलाफ अदालती अवमानना की कार्वाई भी की जाएगी। पीठ ने विशेष न्यायाधीश (एससी एसटी कानून) को कार्वाई की वीडियो रिकार्डिंग कराने का भी आदेश जारी कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष हाथरस जिले में एक दलित युवती के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म और उसके बाद उसकी मौत के मामले ने काफी तूल पकड़ा था और विपक्षी दलों खासकर समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस ने इसे लेकर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा किया था।

RELATED ARTICLES

इंग्लैंड के स्पिनरों ने न्यूजीलैंड को 168 रन पर समेटा, सोफी डिवाइन के वनडे करियर का अंत

विशाखापत्तनम। इंग्लैंड की स्पिनरों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए रविवार को यहां महिला विश्व कप के मुकाबले में न्यूजीलैंड को 168 रन पर आउट...

स्वास्थ्य संस्थानों की प्राथमिकता सामाजिक उत्तरदायित्व कानिर्वहन होनी चाहिए : राष्ट्रपति

गाजियाबाद । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने रविवार को गाजियाबाद के इंदिरापुरम में यशोदा मेडिसिटी का भव्य उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने संस्थान...

स्वस्थ भारत ही विकसित भारत की आधारशिला : राजनाथ सिंह

गाजियाबाद । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को यहां आयोजित यशोदा मेडिसिटी के उद्घाटन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया।...

व्रतियों ने किया खरना, आज डूबते सूर्य को दिया जायेगा अर्घ्य

छठ पूजा : 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू, घरों व घाटों पर तैयारियां पूरी, बाजारों में खूब दिखी रौनकलखनऊ। आस्था और विश्वास के...

श्रद्धा व सत्कार से मनाया गया बाबा बुड्ढा साहब जी का जोड़ मेला

विशेष दीवान का आयोजन किया गयालखनऊ। टिकैत राय तालाब स्थित गुरुद्वारा बाबा बुड्ढा साहिब जी मे ब्रह्म ज्ञानी बाबा बुड्ढा साहब जी का जोड़...

सत्संग से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं

9 दिवसीय श्री शिव महापुराण कथा का द्वितीय दिवस लखनऊ। अखिल भारतीय उत्तराखंड महासभा द्वारा आयोजित श्री शिव महापुराण कथा का का दूसरा दिन बहुत...

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की मीडिया के साथ हुई चाय पर चर्चा

कर्मचारियों के उत्पीड़न एवं उत्तरदायित्व पर बृहद चर्चा हुईसंयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने संवाद हीनता को प्रमुख कारण बतायालखनऊ। राज्य कर्मचारी...

कला ने समाज की चेतना, भावनाओं और संस्कारों को आकार दिया

कला में निवेश: संस्कृति और संपन्नता का संगमलखनऊ। कला केवल सौंदर्य का माध्यम नहीं, बल्कि मानव सभ्यता की आत्मा और सृजनशीलता की जीवंत अभिव्यक्ति...

गीत-संगीत के साथ प्रगति महोत्सव का समापन

डॉक्टरों के माध्यम से ब्लड डोनेट करया गयालखनऊ। प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट एवं प्रगति इवेंट के संयुक्त तत्वाधान में आशियाना के सेक्टर एम आशियाना...