लखनऊ। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए उलमा ने लोगों से शुक्रवार को नमाज ए जुमा मस्जिद में न पढ़ने की अपील की है। उलमा का कहना है कि वह अपने घरों में ही नमाज ए जोहर पढ़े। वही, आसिफी मस्जिद में भी शुक्रवार को नमाज ए जुमा नहीं होगी।
उलमा का कहना है कि एक जगह जमा होने से कोरोना वायरस का खतरा अधिक होता है। इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा ईदगाह में भी नमाज ए जुमा नहीं होगी। मस्जिद मौजूद मोअज्जिन व इमाम ही नमाज अदा करेंगे। उन्होंने सभी मस्जिदों के इमामों से अपील की है के वह अपने इलाके में लोगों को घर पर ही नमाज जुहर पढ़ने की सलाह दें।
मौलाना ने कहा कि जिन घरों में अधिक मेम्बर है। वह अपने घर में जमात के साथ भी नमाज अदा कर सकते हैं। वहीं, शुक्रवार को शहर की सबसे बड़ी आसिफी मस्जिद में भी जुमे की नमाज नहीं होगी। मौलाना कल्बे जवाद ने पिछले शुक्रवार को ही दो सप्ताह तक जुमे की नमाज स्थगित कर दी थी।
मौलाना खालिद रशीद ने कहा शरीयत ने ऐसे मौके पर लोगों को छूट दी है। मौलाना ने लोगों से अपील की है के वह नमाज के बाद देश से कोरोना वायरस का संक्रमण खत्म होने की दुआ करें। घर में अनाज ज्यादा हो तो गरीबों को देंमौलाना खालिद फरंगी महली ने कहा कि इस मौके पर लोगों को गरीबों की मदद के लिए हाथ बढ़ाना चाहिए। मुसलमान रमजान में दी जाने वाली जकात की रकम से अभी लोगों की मदद कर सकते हैं।
उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड: सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कोरोना संक्रमण से सतर्कता और लॉकडाउन की वजह से मुसलमानों से नमाज मस्जिदों में नहीं बल्कि घर में पढ़ने की अपील की है। बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एसएम शोएब ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा है कि मौजूदा हालात को देखते हुए नमाज व जमाअत के बारे में ओलमा की ओर से जो राय दी जा रही है उस पर अमल करते हुए घरों में ही नमाज पढ़ें ताकि संक्रमण न फैलने पाए।
उन्होंने सुन्नी वक्फ बोर्ड से संबंधित सभी मस्जिदों, दरगाहों के मुतवल्लियों और कमेटियों को निर्देश दिए हैं कि वह मस्जिदों, मदरसों, दरगाहों आदि में भीड़ को आने से प्रभावी ढंग से रोकें। बयान में आगे कहा गया है कि इस महामारी से निपटने के लिए जारी दिशा-निदेर्शों का अनुपालन शत-प्रतिशत सुनिश्चत किया जाए।