लखनऊ। प्रदेश भर के हर विधानसभा क्षेत्र में आस्था का केंद्र बने पयर्टन स्थल चिह्नित कर लिए गए हैं। इसी क्रम में लखनऊ के छह विधानसभा क्षेत्रों में 13 पयर्टन स्थल विकसित किए जाएंगे। पयर्टन विकास निधि के जरिए पर्यटकों को आधा दर्जन सुविधाएं दी जाएंगी। इस संबंध में वर्ष 2024-25 के दौरान विधानसभावार परियोजना को मंजूरी दी गई। इनमें सरोजनीनगर के रहीमाबाद माल रोड पर स्थित सिद्धपीठ में वाराही देवी मंदिर को आस्था को केंद्र घोषित करते हुए 68 लाख रुपये का बजट स्वीकृत किए गए हैं। पयर्टन विभाग आस्था का केंद्र बने धार्मिक स्थलों को संवारने की तैयारी शुरू कर दी है। चिह्नित किए गए पयर्टन स्थलों पर बिजली, पानी, फसॉड वाल, बेंच, सौंदरीकरण, ठहराव स्थल, खानपान समेत ढेरों सुविधाएं पयर्टन के लिहाज से विकसित की जाएगी।
पर्यटकों की संख्या बढ़ाकर रोजगार पैदा करना
पयर्टन योजना के तहत प्रदेश भर के हर विधानसभा में सबसे अधिक महत्वपूर्ण स्थल का चयन करना, अल्पज्ञात पर्यटक स्थलों को चिन्हित कर उसे उच्चस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना है। पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी करना, पर्यटन सेवा प्रदाताओं को आकर्षित करना और रोजगार के अवसर प्रदान करना शामिल हैं।
इन छह विधानसभा में 13 पयर्टन स्थल घोषित
सरोजनीनगर में महाराजा बिजली पाली किला, वाराही देवी मंदिर, रेतेश्वर महादेव धाम, वृंदावन कालोनी स्थित स्वम्भ शिव मंदिर व सई नदी। लखनऊ मध्य में अमीनाबाद बद्री विशाल मंदिर, गोमतीनदी स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर। मलिहाबाद में पंचमुखी हनुमान मंदिर, सदर तहसील स्थित सिद्धनाथ मंदिर का सौंदर्यीकरण। लखनऊ पश्चिम में बुद्धेश्वर महादेव मंदिर। लखनऊ उत्तर में डालीगंज स्थित शिवजी मनकामेश्वर मंदिर, नानक शाही मठ। बख्शी का तालाब में अमर शहीद राजा दिग्विजय सिंह स्मारक भी शामिल है।
वर्जन
विधानसभावार आस्था का केंद्र बने धार्मिक स्थलों के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। लखनऊ के छह विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 13 पयर्टन स्थल विकसित किए जाएंगे। जहां पयर्टकों की सुविधाओं के मद्देनजर विकसित किया जाएगा।
डॉ. कल्याण सिंह
उप निदेशक पयर्टन, लखनऊ मंडल