अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि वह इस सप्ताह भारत की अपनी यात्रा को लेकर उत्सुक हैं, लेकिन नयी दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन में उनके चीनी समकक्ष शी चिनफिंग के शामिल नहीं होने से वह निराश हैं। व्हाइट हाउस ने बीते शुक्रवार को घोषणा की थी कि बाइडन जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए सात सितंबर
को भारत जाएंगे और इस ऐतिहासिक बैठक से इतर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ वह आठ सितंबर को द्विपक्षीय बैठक करेंगे।
भारत जी20 के अध्यक्ष के रूप में 9-10 सितंबर को इस प्रभावशाली समूह के वार्षिक शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। इसमें बाइडन सहित विश्व के दो दर्जन से अधिक नेता हिस्सा लेने वाले हैं। रविवार को जब पत्रकारों ने बाइडन से पूछा कि क्या वह भारत और वियतनाम की अपनी यात्रा को लेकर उत्सुक हैं? इसके जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, हां, मैं (उत्सुक) हूं। उन्होंने चीन के राष्ट्रपति चिनफिंग के सम्मेलन में शामिल न होने को लेकर अपनी निराशा जताई और इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, मैं निराश हूं, लेकिन मैं उनसे मिलूंगा।
बाइडन और शी ने बाली में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर नवंबर 2022 में मुलाकात की थी, और उन्होंने अमेरिका एवं चीन के बीच बढ़ते तनाव को रोकने की कोशिश के तहत संवाद बहाल करने का संकल्प लिया था। बाइडन के जनवरी 2021 में अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करने के बाद दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात थी। बीजिंग में, चीनी विदेश मंत्रालय ने सोमवार को यह घोषणा की कि राष्ट्रपति शी नयी दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे और चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्रधानमंत्री ली क्विंग करेंगे।
जकार्ता में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में शरीक होने के बाद ली भारत की यात्रा करेंगे। 2021 में, शी ने चीन के कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण इटली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया था। बाइडन के अलावा फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ज्षि सुनक, जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा जी20 के उन नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने पहले ही शिखर सम्मेलन में अपनी भागीदारी की पुष्टि कर दी है। मोदी 10 सितंबर को ब्राजील के राष्ट्रपति लूला को जी20 की अध्यक्षता सौंपेंगे। ब्राजील एक दिसंबर को औपचारिक रूप से जी20 की अध्यक्षता संभालेगा।
जी20 के सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 85 प्रतिशत का योगदान देते हैं। वैश्विक व्यापार में इनकी हिस्सेदारी 75 प्रतिशत से अधिक है। इन देशों में विश्व की लगभग दो-तिहाई आबादी रहती है। समूह में अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य,
मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं।