लखनऊ। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के योगी सरकार पर पार्टी द्वारा प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए लगायी बसों को प्रदेश में दाखिल नहीं होने देने के आरोपों के बीच प्रदेश के गृह विभाग ने उनसे बसों की जानकारी देने के लिए एक पत्र भेजा है।
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी द्वारा प्रियंका को भेजे पत्र में कहा है कि कांग्रेस नेता द्वारा प्रवासी मज़दूरों के सन्दर्भ में भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकार किया जाता है। प्रियंका से कहा गया है कि तुरंत बसों की सूची चालक व परिचालक के नाम और अन्य विवरण सहित उपलब्ध करायें ताकि उनका इस्तेमाल प्रवासी श्रमिकों की सेवा में किया जाये।
अनुमति मिलने के बाद प्रियंका गांधी ने प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, ‘हमें उप्र में पैदल चलते हुए हजारों भाई-बहनों की मदद करने के लिए, कांग्रेस के खर्चे पर 1000 बसों को चलवाने की इजाजत देने के लिए आपको धन्यवाद।’ उन्होंने कहा कि आपको उत्तर प्रदेश कांग्रेस की तरफ से मैं आश्वस्त करती हूँ कि हम सकारात्मक भाव से महामारी और उसके चलते लॉकडाउन की वजह से पीड़ित यूपी के अपने भाई-बहनो के साथ इस संकट का सामना करने के लिए खड़े रहेंगे।
प्रियंका ने ट्वीट करके कहा है, ‘मुख्यमंत्री जी महामारी के समय इंसान की जिंदगी को बचाना, गरीबों की रक्षा करना, उनकी गरिमा की हिफाजत करना हमारा नैतिक दायित्व और अधिकार है। कांग्रेस इस कठिन समय में अपनी पूरी क्षमता और सेवाव्रत के साथ अपने कर्तव्यों का पालन कर रही है। ये बसें हमारी सेवा का विस्तार हैं।’
हालांकि, सोमवार को ही प्रियंका ने एक बार फिर प्रवासी मज़दूरों का मामला उठाते हुए योगी सरकार पर हमला बोला था। प्रियंका ने ट्वीट किया था, ‘प्रवासी मजदूरों की भारी संख्या घर जाने के लिए गाजियाबाद के रामलीला मैदान में जुटी है। यूपी सरकार से कोई व्यवस्था ढंग से नहीं हो पाती। यदि एक महीने पहले इसी व्यवस्था को सुचारू रूप से किया जाता तो श्रमिकों को इतनी परेशानी नहीं झेलनी पड़ती।’ उन्होंने आरोप लगाया था कि बसों को उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर लाकर खड़ा किया तो यूपी सरकार को राजनीति सूझती रही और हमें परमिशन तक नहीं दी। विपदा के मारे लोगों को कोई सहूलियत देने के लिए सरकार न तो तैयार है और कोई मदद दे तो उससे इंकार है।
कांग्रेस महासचिव ने अपने वीडियो मैसेज में कहा था, ‘मुख्यमंत्री जी मैं आपसे निवेदन कर रही हूं, ये राजनीति का वक्त नहीं है। हमारी बसें बॉर्डर पर खड़ी हैं। हजारों श्रमिक, प्रवासी भाई बहन बिना खाये पिये, पैदल दुनिया भर की मुसीबतों को उठाते हुए अपने घरों की ओर चल रहे हैं। हमें इनकी मदद करने की अनुमति दीजिए। हमारी बसों को परमीशन दीजिए, ताकि हम उनको सही सलामत उनके घर पहुंचा पाएं।