लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विगत 18 दिनों से चल रहीं लेखपाल संघ की हड़ताल शनिवार को बिना शर्त के समाप्त हो गयी। हड़ताल के दौरान लेखपालों पर सरकार द्वारा जो भी कार्रवाई की गयी है उसे वापस लेने की बात की गयी है।
लेखपाल संघ अपनी 8 सूत्रीय मांगों पर शासनादेश जारी होने के लिए संघर्षरत थे। इनका कहना था कि जबतक इनकी मांगे नहीं मानी गयी तबतक वह हड़ताल से वापस नहीं जाएंगे। हालांकि इस दौरान सरकार द्वारा बर्खास्तगी तक की कार्रवाई भी की गयी। इस पर नाराज लेखपालों ने 26 दिसम्बर को विधानसभा घेराव की घोषणा कर दी। परन्तु प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में उपद्रव से बनी तनावपूर्ण स्थिति के चलते संघ ने विधानसभा घेराव का कार्यक्रम स्थगित कर दिया था।
इसके बाद भी उन्होंने कहा था कि पूर्ण कार्य बहिष्कार मांगें पूरी नहीं होने तक जारी रहेंगी। यह हड़ताल दस दिसम्बर से चल रहीं थी। प्रदेश में लेखपालों की हड़ताल की वजह से जनहित के कार्य बुरी तरह से प्रभावित हो रही थी। इसका असर उच्चस्तर पर भी देखा जा रहा था। ऐसे में शासन व राजस्व परिषद स्तर से जिलाधिकारियों के माध्यम से आंदोलन खत्म कराने का प्रयास फेल होने के बाद बैक डोर से भी प्रयास शुरू किए जा रहे थे। शुक्रवार को लेखपाल संघ के कुछ पदाधिकारियों के साथ शासन की ओर से निर्देशित एक अधिकारी ने बैक डोर वार्ता भी की थी। फिलहाल लेखपालों की ओर से चल रही हड़ताल को शनिवार बिना शर्त वापस ले लिया गया।