- मंजूरी मिलने के बाद इस सेशन के लिए एलयू को तैयार करना होगा नई गाइडलाइन
- इस बार सुप्रीम कोर्ट से लेनी होगी विशेष मंजरीए तभी हो पाएगा इस सेशन के एडमिशन
- 30 जून तक प्रदेश में बीएड कॉलेजों में एडमिशन खत्म कर सेशन शुरू कराना होता है
लखनऊ(वरिष्ठ संवाददाता)। प्रदेश के बीएड कॉलेजों में एडमिशन के लिए आयोजित होने वाला बीएड एंट्रेंस एग्जाम कोरोना वायरस से बचाव के लिए हुए लॉकडाउन के कारण निर्धारित समय पर पूरा नहीं हो पाएगा। ऐसे में इस साल के एडमिशन की प्रक्रिया को शुरू करने से पहले एलयू को सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी लेनी होगी।
क्योंकि कोरोना के कारण बीएड एडमिशन की प्रक्रिया को निर्धारित समय में पूरा होने की संभावना पूरी तरह से समाप्त हो चुकी हैं। ऐसे में एलयू को डेट आगे बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अलग से मंजूरी लेना होगा। ज्ञात हो की सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश में बीएड एडमिशन की प्रक्रिया को निर्धारित डेट तक पूरी करने की समय सीमा तय कर रखी है।
30 जून है बीएड एडमिशन पूरा करने की अंतिम डेट
सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका की सुनावई करते हुए प्रदेश में बीएड कॉलेजों में एडमिशन की प्रक्रिया हर हाल में 30 जून तक पूरा करने का निर्देश जारी किया हुआ है। इस साल बीएड एंट्रेंस एग्जाम अप्रैल में होना प्रस्तावित था। पर लॉकडाउन होने के कारण यह प्रक्रिया आगे के लिए टाल दी गई है।
ऐसे में लॉकडाउन समाप्त होने के करीब एक महीने बाद तक एलयू बीएड का एंट्रेंस एग्जाम नहीं आयोजित करा सकता है। ऐसे में 30 जून की समय सीमा के अंदर एडमिशन होना संभव नहीं है। इसी को देखते हुए एलयू को सुप्रीम कोर्ट से पहले डेट बढ़ाने की मंजूरी लेनी होगी। तभी अब आगे की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।
दो लाख से अधिक सीटों पर होता है एडमिशन
बीएड एंट्रेंस एग्जाम के माध्यम से पूरे प्रदेश के बीएड कॉलेजों के करीब दो लाख से अधिक सीटों पर एडमिशन लिया जाता है। इस एंट्रेंस एग्जाम में बीते साल करीब साढ़े चार लाख स्टूडेंट्स शामिल हुए थे। इस साल भी अभी तक तीन लाख से अधिक स्टूडेंट्स आवेदन कर चुके है।
ऐसे में सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद एलयू को इस सेशन में एडमिशन पूरा करने के लिए नई गाइडलाइन बनाकर उस पर कोर्ट से मंजूरी लेना होगा। लविवि के प्रवक्ता डा. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी लेने के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू करेगा। 30 जून तक बीएड एडमिशन पूरा हो पाना संभव नहीं है।