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हाई रिस्क ग्रुप का किया जाये आरटीपीसीआर टेस्ट
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सभी जिलों में कंट्रोल सेंटर पूरी सक्रियता से चलें संचालित
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डोर-टू-डोर सर्वे में हो लोगों के ऑक्सीजन स्तर की जांच
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नाॅन-कोविड यूनिट्स में कोविड-19 के प्रोटोकाॅल के हिसाब से चलें ओपीडी
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सभी सीएचसी और पीएचसी पर भी ओपीडी सुविधा शुरू हों
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मुख्यमंत्री आरोग्य मेला को शुरू करने के पर किया जाये विचार
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को हाई रिस्क ग्रुप को लक्षित करते हुए ज्यादा से ज्यादा कोविड-19 के टेस्ट कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि हाई रिस्क ग्रुप का आरटीपीसीआर टेस्ट किया जाये। इससे कोरोना के प्रसार को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को टीम-11 के साथ अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी जिलों में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर पूरी सक्रियता के साथ चलाये जायें। जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रतिदिन बैठक कर स्थिति की समीक्षा और आगे की रणनीति तय करें। यह बैठक सुबह कोविड अस्पताल में और शाम को इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में की जाये।
योगी ने कहा कि डोर-टू-डोर सर्वे कार्य तेजी से चलाया जाये। सर्वे के दौरान पल्स ऑक्सीमीटर के माध्यम से लोगों के ऑक्सीजन स्तर की जांच की जाये। निर्धारित स्तर से कम ऑक्सीजन वाले व्यक्तियों को अस्पताल भेजकर वहां उनकी विस्तृत जांच और ज़रुरत के हिसाब से इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।
मुख्यमंत्री ने नाॅन-कोविड चिकित्सालयों में कोविड-19 के प्रोटोकाॅल के हिसाब से ओपीडी सेवा चलाने कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार सभी सावधानियां बरतते हुए सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी ओपीडी सुविधा शुरू की जाये। मुख्यमंत्री आरोग्य मेला को शुरू करने के बारे में विचार किया जाये। इससे स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता में वृद्धि भी होगी। उन्होंने कोविड-19 के प्रति जनता को जागरूक करने के अभियान को जारी रखने के निर्देश दिये।
योगी ने निर्देश दिये कि निवेश प्रस्तावों की नियमित माॅनिटरिंग करते हुए निवेशकों और उद्यमियों की समस्याओं को समयबद्ध ढंग से दूर किया जाये। विभिन्न नीतियों के तहत अनुमन्य सुविधाएं समय से दी जायें। इसके लिए जिला, मंडल और राज्य मुख्यालय स्तर पर लगातार मॉनिटरिंग की जाये। उन्होंने बताया कि वे उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट-2018 के मौके पर किये गये एमओयू के क्रियान्वयन की समीक्षा के साथ-साथ संबंधित निवेशकों के साथ बैठक करेंगे।
मुख्यमंत्री ने पशुपालन विभाग को गो-आश्रय स्थलों की व्यवस्था को मज़बूत करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि गो-आश्रय स्थल को आय का स्रोत बनाये जाने की कार्य योजना तैयार की जाये। इसके तहत बायो गैस प्लांट की स्थापना को प्राथमिकता दी जाये। इससे जहां एक ओर ईंधन के लिए गैस प्राप्त होगी, वहीं दूसरी ओर किसानों को अच्छी जैविक खाद भी मिल सकेगी।