नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी ने 150 अस्पतालों में कैंसर से पीड़ित बच्चों की देखभाल की व्यवस्था को बाधित किया है। यह जानकारी 200 से अधिक अस्पतालों पर किए गए सर्वेक्षण में सामने आई है जो द लांसेट पत्रिका में छपी है।
सर्वेक्षण में 22 जून से 21 अगस्त 2020 के बीच 79 देशों में 213 संस्थानों के 311 स्वास्थ्यकर्मियों को कवर किया गया और इसमें अस्पताल का आकलन करने, कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की संख्या और कैंसर देखभाल में आई बाधाओं सहित कई सवाल शामिल किए गए।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, सर्वेक्षण में शामिल अस्पतालों में लगभग आधे में उम्मीद से कम बाल्यावस्था में कैंसर के नए मरीजों का पता चला, जबकि एक तिहाई से अधिक अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ गई जिन्होंने इलाज बंद कर दिया। अध्ययन में मुंबई के बांबे हॉस्पीटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की रश्मि दलवी भी शामिल हैं। अध्ययन में यह भी कहा गया कि सर्वेक्षण में शामिल दस में से एक अस्पताल ने महामारी के दौरान कभी न कभी बाल्यावस्था के कैंसर का इलाज पूरी तरह बंद कर दिया।
शोधकर्ताओं ने कहा कि महामारी के कारण दुनिया भर के अस्पतालों पर काफी प्रभाव पड़ा है जिसमें कर्मियों की संख्या में कमी आना, कैंसर से पीड़ित बच्चों के लिए बिस्तरों की संख्या कम होना और पीपीई की कमी आदि शामिल है। अध्ययन के सह-लेखक और अमेरिका में सेंट ज्यूड चिल्ड्रेन रिसर्च हॉस्पीटल के डैनियल मोरेरा ने कहा, हमारे निष्कर्ष से पता चलता है कि कोविड-19 का पूरी दुनिया में बाल्यावस्था के कैंसर के मरीजों पर काफी असर रहा।