मुंबई। बॉलीवुड स्टार सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या मामले में कंगना रनोट ने करण जौहर कैम्प पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि आउटसाइडर्स को ऊंचा उठने से रोकने के लिए इंडस्ट्री में साजिशें की जाती हैं। खास बातचीत में उन्होंने कहा कि सुशांत ने यह कदम उठाकर उन लोगों को जीत दिलवा दी, जो भाई-भतीजावाद के पैरोकार हैं, फिल्म माफिया हैं और खेमेबाजी में यकीन रखते हैं।
कंगना ने कहा, अभी तो मैं भी पूरी तरह से सदमे में हूं। यह तो नहीं मालूम उन्होंने क्या-क्या सहा होगा, जो इस कदम को उठा लिया। हर इंसान की एक क्राइसिस होती है। वे फैमिली से दूर रह रहे थे, मां को खो चुके थे। शायद उनके पास इमोशनल सपोर्ट बिल्कुल भी नहीं था। ऊपर से, जिन लोगों ने आपको फील करवाया कि आप स्टार बनने के लायक नहीं हैं, आप अनवॉन्टेड हैं। यह सब सुनकर आपने इस कदम को उठाकर उन लोगों को जिता दिया।
सुशांत ने की बड़ी-बड़ी फिल्में
सुशांत ने बड़ी-बड़ी फिल्में की हैं। छिछोरे अगर किसी स्टार किड ने की होती तो उन्हें बहुत बड़ा स्टार माना जाता। जब करण के एक करीबी की वेडिंग थी तो उसमें सुशांत को क्यों नहीं बुलाया गया? सुशांत को इज्जत क्यों नहीं दी गई? अपनी पार्टीज में कभी नहीं बुलाया। उन्हें एकदम से डिस्क्रेडिट करके रखा। वह भी उस इंसान पर जो एमएस धोनी और छिछोरे जैसी अच्छी और सक्सेसफुल फिल्में दे चुका है। इंसान तो सोच में पड़ गया होगा कि यार आखिरकार खुद को प्रूव करने के लिए अब और क्या करना होगा?
छिछोरे बहुत अच्छी फिल्म थी, लेकिन नहीं मिला अवॉर्ड
छिछोरे बहुत अच्छी फिल्म थी, लेकिन उसे कोई अवॉर्ड नहीं मिला। मैं आज भी कहती हूं, छिछोरे पिछले साल की सबसे अच्छी फिल्मों में से एक थी, मगर अवॉर्ड किनको दिए, अपनी ही फिल्मों को। छिछोरे का बिजनेस और उसके रिव्यूज दोनों गली बॉय से ज्यादा थे। मगर उनको आपकी फिल्मों को एक्नॉलेज नहीं करना। अगर आपकी चापलूसी की आदत न हो तो यह लोग आपको बैन कर देते हैं।
ऊपर से ऐसी सोच बनाए हुए हैं जहां पर टैलेंटेड आउटसाइडर्स को बिल्कुल भी रिस्पेक्ट नहीं दिया जाता। उन लोगों ने मीडिया का इस्तेमाल करवाया। राजीव मसंद से ब्लाइंड आइटम निकलवाया कि एक इंसान अल्कोहल में डूबा हुआ है। गंदी से गंदी बात लिखवाई जाती है। इशारा सुशांत सिंह राजपूत की तरफ था। उसके करियर को डैमेज करने की पूरी साजिश हो गई थी।
इस तरह के निगेटिव कैम्पेन मेरे खिलाफ भी चलाए जाते रहे हैं। ब्लाइंड आइटम में आप किसी का नाम नहीं लिखते, इसका मतलब यह तो नहीं कि आपसे कोई सवाल नहीं कर सकता? चलिए मान लेते हैं कि कोई अगर अल्कोहलिक फेज से गुजर रहा है, तब भी आप कौन होते हैं चुगलीबाजी करने के लिए? क्या पता इंसान 6 महीने बाद उस फेज से उबर जाता? जब संजू अल्कोहलिक फेज से गुजरते हैं तो वे बाबा हैं, पर जब सुशांत ने किया तो विलेन बनाकर पूरी दुनिया में प्रचार कर दिया। उसे गैर पेशेवर बना दिया।
इंडस्ट्री में मूवी माफिया की जड़ें बहुत गहरी
दुर्भाग्य से इंडस्ट्री में मूवी माफिया की जड़ें बहुत गहरी हैं। रानी लक्ष्मीबाई की फिल्म आती है, मगर आलिया भट्ट बेशर्मी से अपने पांच से 10 मिनट के रोल के लिए हर जगह अवॉर्ड लेती हैं। मूवी माफिया के कैंप आपस में सेलिब्रेट तक करते हैं। अपने कैंप के एक्टरों को ब्रांड बनाते हैं। उन्हें ही अपनी फिल्मों में साइन करते हैं। वो भी डंके की चोट पर।
बेस्ट एक्ट्रेस में कटरीना कैफ, आलिया भट्ट और सारा अली खान का नाम आता है, मगर कंगना रनौट का नहीं। उस कंगना रनौट का नाम नहीं लेते, जिसने तीन नेशनल अवॉर्ड जीते, जो पद्मश्री से सम्मानित है। आप सुशांत सिंह राजपूत का नाम नहीं लेते बेस्ट एक्टर में, आप सिर्फ सिद्धार्थ मल्होत्रा, वरुण धवन, टाइगर श्रॉफ का नाम लेते रहते हो। अपना ही नरेटिव सेट करने में लगे रहते है आप।
आलिया भट्ट ने तो एक बार बोला भी था कि वो नहीं जानती सुशांत को, कौन है वो टीवी एक्टर। करण जौहर पर तीखा हमला बोलते हुए कंगना ने कहा, उसने मुझसे भी एक फिल्म करवाई थी ‘उंगली’। उसने पूरी साजिश की थी कि मेरा करियर तबाह कर सके। पहले कहा कि मेरा 45 मिनट का रोल है। बाद में रोल को 10 से 15 मिनट का कर दिया।
यही चीज करण ने सुशांत सिंह राजपूत की ‘ड्राइव’ के साथ की। उसे डिजिटल प्लेटफार्म पर डाल दिया। अब यह बात बिल्कुल छिपी हुई नहीं है कि आउटसाइडर्स को ऊंचा उठने से रोकने के लिए साजिशें की जाती हैं। उन साजिशों को अंजाम देने के लिए खुद का पैसा भी लगाकर डुबोते हैं।
#KanganaRanaut exposes the propaganda by industry arnd #SushantSinghRajput‘s tragic death &how the narrative is spun to hide how their actions pushed #Sushant to the edge.Why it’s imp to give talent their due &when celebs struggle with personal issues media to practice restraint pic.twitter.com/PI70xJgUVL
— Team Kangana Ranaut (@KanganaTeam) June 15, 2020