लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा कि आने वाली 21 फरवरी से जेई वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू हो रही है। टीकाकरण के साथ-साथ बेहतर चिकित्सा व्यवस्था, शुद्ध पेयजल आपूर्ति और स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण से मौजूदा समय में इंसेफलाइटिस से होने वाली मृत्यु दर में उल्लेखनीय गिरावट आयी है। सफलता की इस दर को आगे भी बनाये रखने में टीकाकरण की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने जेई वैक्सीनेशन का कार्य सुव्यवस्थित ढंग से चलाने के निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने यहां लोक भवन में एक उच्चस्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि सभी चिकित्सा संस्थान अपनी पूरी क्षमता के साथ कार्य करें। सामान्य ओपीडी, सर्जरी विभिन्न उपचार प्रक्रियाओं को सुचारु ढंग से चलाया जाये। रोगियों को चिकित्सा संबंधी सभी ज़रूरी सुविधाएं दी जायें। यह सुनिश्चित किया जाए कि मरीजों को इलाज कराने में कोई असुविधा न हो।
योगी ने कहा कि प्रदेश में कोविड वैक्सीनेशन का कार्य सुचारु ढंग से चल रहा है। उन्होंने टीकाकरण की इस प्रक्रिया को आगे भी केंद्र सरकार की गाइडलाइन्स और क्रम के अनुरूप संचालित किये जाने के निर्देश दिये। बैठक में बताया गया है कि कोरोना फ्रंटलाइन वर्कर्स का वैक्सीनेशन किया जा रहा है। हेल्थ वर्कर्स को कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज देने का काम 15 फरवरी से शुरू किया जायेगा। पहले चरण में जिन हेल्थ वर्कर्स ने वैक्सीनेशन नहीं कराया है, ऐसे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को टीकाकरण के लिए अवसर दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कोरोना के एक्टिव केस की संख्या में तेजी से हो रही गिरावट पर संतोष व्यक्त करते हुए कोविड से बचाव व इलाज की प्रभावी व्यवस्था को बनाये रखने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि संक्रमण की दर में उल्लेखनीय कमी के बावजूद कोरोना का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है। इसलिए हर स्तर पर पूरी सतर्कता बरतना ज़रूरी है।
योगी ने उत्तर प्रदेश द्वारा ई-संजीवनी एप के माध्यम से देश में सर्वाधिक ऑनलाइन कंसल्टेशन दिये जाने पर संतोष व्यक्त किया है। उन्होंने इस सुविधा का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश देते हुए कहा कि ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को इसके माध्यम से ऑनलाइन चिकित्सीय परामर्श की सुविधा उपलब्ध कराई जाये। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में ई-संजीवनी एप के माध्यम से अब तक पांच लाख से ज़्यादा व्यक्तियों द्वारा ऑनलाइन चिकित्सीय परामर्श लिया गया है, जो कि देश में सबसे ज़्यादा है।