जम्मू: भाजपा की जम्मू कश्मीर प्रदेश इकाई ने सोमवार को कहा कि अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाए जाने और एक देश-एक संविधान और एक ध्वज की उपलब्धि के साथ ही देशभक्त लोगों का लंबा संघर्ष समाप्त हुआ। पार्टी की राज्य इकाई के प्रवक्ता बलबीर राम रतन ने कहा कि 1952-53 में ऐतिहासिक एक विधान, एक निशान, एक प्रधान आंदोलन के दौरान जम्मू क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर तिरंगा फहराने के लिए मार गिराए गए 16 युवकों को यह श्रद्धांजलि भी है। रतन ने यहां संवाददाताओं से कहा, अनुच्छेद 370 को हटाए जाने और एक देश-एक संविधान-एक ध्वज की उपलब्धि के साथ ही देशभक्त लोगों का लम्बा संघर्ष पूरा हुआ और इसलिए राज्य के इतिहास में एक नया अध्याय लिखा गया।
उन्होंने कहा कि अलग झंडे को हटाए जाने के साथ ही जम्मू कश्मीर में एक इतिहास रचा गया है और इसके लिए लोग दशकों से आंदोलन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह समय उन देशभक्तों को याद करने का है जिन्होंने देश की एकता और अखंडता के लिए एक संविधान-एक ध्वज और एक प्रधानमंत्री का नारा दिया था। रतन ने कहा, 1952-53 में प्रजा परिषद के एक विधान, एक निशान, एक प्रधान आंदोलन के दौरान छंब, हीरानगर, सुंदबनी और रामबन में तिरंगा लहराने के लिए जिन 16 युवकों को गोलियां मारी गई थी, ये उन्हें एक श्रद्धांजलि है। उन्होंने कहा यह मौका भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान को याद करने का भी है।