अमरीका के सैन्य ठिकानों के करीब दो दर्जन से अधिक हल्की मिसाइलें दागकर अमरीका के खिलाफ लड़ने की वाहवाही लूटने के चक्कर में ईरान अब खुद फंस गया है। अपने कमांडर कासिम सुलेमानी का बदला लेने के चक्कर में ईरान ने ऐसी गलती कर दी जिसके कारण ईरान और उसकी सेना सवालों के घेरे में है।
अमरीका द्वारा अपने कमांडर जनरल सुलेमानी की हत्या के बाद आयातुल्लाह अली खामेनई प्रशासन ने घरेलू दबाव को कम करने के लिए अमरीकी सैन्य ठिकानों पर दिखावे की मिसाइलें दागी ताकि ईरानी जनता का दबाव कम हो जाये और युद्ध की नौबत भी न आये। वैसे देखा जाये तो यह रणनीति गलत भी नहीं थी, क्योंकि अमरीका के साथ सीधे जंग में उतरने का मतलब है तबाही मोल लेना। ऐसे में ईरान में खामेनई प्रशासन ने चालाकी भरी कूटनीतिक चाल चलकर एक तरह से एक तीर से दो निशाने साधने का प्रयास किया, लेकिन ईरानी सेना की गलती ने ईरान को अब संकट में डाल दिया है। जिस दिन ईरान की सेना अमरीकी सैन्य बेस पर मिसाइलों से हमला किया, उसी दिन यूके्रन एयर लाइंस के एक बोइंग विमान को भी मार गिराया।
तेहरान से यूक्रेन के लिए उड़ान भरने वाले इस बोइंग विमान में कुल 176 यात्री सवार थे। उड़ान भरने के थोड़ी ही देर में यह विमान ईरानी सेना के एयर डिफेंस का टारगेट बन गया। दरअसल ईरानी सेना के एयर डिफेंस ने बोइंग विमान को मिसाइल समझ कर उस पर टारगेट सेट कर दिया और इस तरह उड़ान भरने के कुछ ही मिनट के अंदर यूक्रेन एयर लाइंस का विमान आग का गोला बनकर जमीन पर आ गिरा। इस विमान सवार सभी यात्री और विमान के कर्मचारी मारे गये। विमान में 176 यात्री सवार थे जिसमें ईरान के 82, कनाडा के 63, यूके्रन के 11, स्वीडन के 10, अफगानिस्तान के 4 और जर्मनी व इंगलैंड के 3-3 यात्री सवार थे। ईरानी सेना द्वारा यात्री विमान को मार गिराने के बाद सबसे पहले ईरान ने ही आधिकारिक रूप से बयान जारी कर कहा था कि कि विमान तकनीकी खराबी के कारण दुर्घटनाग्र्रस्त हो गया। लेकिन ईरान की थ्योरी पर किसी को भरोसा नहीं हो रहा था।
बाद में यूक्रेन, कनाडा और बोइंग विमान बनाने वाली कंपनी ने भी तकनीकी खराबी की थ्योरी खारिज कर दी। इससे ईरान पूरी तरह संदेह के घेरे में आ गया। अंतर्राष्ट्रीय दबाव के बीच अब ईरान ने अपनी गलती स्वीकार कर दुनिया से सॉरी कहा है, लेकिन उसका अपराध बड़ा है। यात्री विमान को मार गिराना और फिर छिपाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे करना निंदनीय है। बहरहाल यूक्रेन ने मुआवजे के साथ दोषियों के लिए सजा की मांग की है तो खामेनाई के खिलाफ ईरान की जनता सड़क पर उतर कर विरोध कर रही है। पूरी दुनिया में ईरान की लानत-मलामत हो रही है।
जहां तक मानवीय भूल की बात है, तो ठीक ऐसी ही घटना 28 फरवरी 2019 को देश में घटी थी जिसमें भारत-पाकिस्तान के बीच हवाई टेंशन के दौरान सेना के एयर डिफेंस ने अपने ही हेलीकॉप्टर गिरा दिया था जिसमें छह सैन्य अधिकारी मारे गये थे। सैन्य तनाव के दौरान ऐसी गलतियों की आशंका रहती है। शायद इसीलिए भारतीय सेना ने यूनीफाइड एयर डिफेंस सिस्टम विकसित करने पर काम कर रही है ताकि भविष्य में ऐसी गलती दोबारा न हो। यह जरूरी भी है।