कोयंबटूर (तमिलनाडु)। भारतीय वायु सेना ने कोयंबटूर के समीप सुलूर में चौथी पीढ़ी के एमके1 एलसीए (हल्का लड़ाकू विमान) तेजस से लैस अपनी 18 वीं स्क्वाड्रन फ्लाइंग बुलेट्स का संचालन बुधवार को शुरू किया। सुलूर वायु सेना अड्डे पर आयोजित आधिकारिक समारोह में एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया की मौजूदगी में इसकी शुरुआत की गई। यहां 45वीं स्क्वाड्रन के बाद 18वीं स्कवाड्रन दूसरी टुकड़ी है जिसके पास स्वदेश निर्मित तेजस विमान है।
तीव्र और निर्भय के उद्देश्य के साथ 1965 में गठित 18वीं स्क्वाड्रन पहले मिग 27 विमान उड़ाती थी। इस स्क्वाड्रन ने पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्घ में सक्रिय रूप से भाग लिया था। सुलूर में इस साल एक अप्रैल को इस स्क्वाड्रन का पुनर्गठन किया गया। तेजस चौथी पीढ़ी का एक स्वदेशी टेललेस कंपाउंड डेल्टा विंग विमान है।
यह फ्लाई-बाय-वायर विमान नियंत्रण प्रणाली, इंटीग्रेटेड डिजिटल एवियोनिक्स, मल्टीमॉड रडार से लैस है और इसकी संरचना कंपोजिट मैटेरियल से बनी है। एक रक्षा विज्ञप्ति में सोमवार को बताया गया कि यह चौथी पीढ़ी के सुपरसोनिक लड़ाकू विमान के समूह में सबसे हल्का और छोटा विमान भी है।