संयुक्त राष्ट्र। पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए भारत ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के हर बड़े कुकृत्य का पदचिह्न इस्लामाबाद से होकर गुरजरता है जहां निर्दाेष लोगों की जान लेने के लिए आतंकवाद के इस सुरक्षित पनाहगाह में प्रशिक्षण दिया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान की ओर से जम्मू कश्मीर का मसला उठाए जाने और नागरिकता (संशोधन) विधेयक का हवाला दिए जाने के बाद भारत का यह बयान आया है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन में प्रथम सचिव पाउलोमी त्रिपाठी ने महासभा में शांति की संस्कृति पर चर्चा के दौरान गुरूवार को कहा, सहयोग की आत्मा शांति की संस्कृति का मूल है । राजनीतिक प्रचार के लिए इस एजेंडे का न तो दुरुपयोग करना चाहिए और न ही इसे महत्वहीन बनाया जाना चाहिए। जब लोमड़ी, मुर्गी की रखवाली कर रही होती है तो हमें विशेष रूप से सतर्क रहने की जरूरत होती है। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थाई प्रतिनिधि मुनीर अकरम की ओर से की गई टिप्पणियों का त्रिपाठी जवाब दे रही थीं।
अकरम ने अपने भाषण का एक बड़ा हिस्सा भारत और इसके आंतरिक मामलों पर केंद्रित रखा जिसमें जम्मू कश्मीर, संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाए जाने, नागरिकता (संशोधन) विधेयक, राष्ट्रीय नागरिक पंजी और अयोध्या पर उच्च्तम न्यायालय का फैसला शामिल है। त्रिपाठी ने कहा, एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा इस एजेंडे का दुरुपयोग करने का प्रयास शायद ही उन लोगों के लिए आश्चर्य का विषय हो, जो शांति की संस्कृति के चैंपियन के रूप में स्वांग रचने के अपने कई प्रयासों के खुद गवाह रहे हैं। वे राजनीतिक लाभ के लिए झूठे आख्यानों का सहारा लेकर सहयोग की भावना को दूषित करते हैं ।
पाकिस्तान पर जबरदस्त हमला बोलते हुए त्रिपाठी ने कहा, वास्तविकता यह है कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के हर बड़े कुकृत्य का पदचिह्न इस्लामाबद से होकर गुरजरता है । निर्दाेष लोगों की जान लेने के लिए आतंकवाद को इस सुरक्षित पनाहगाह में प्रशिक्षित किया जाता है । बच्चों और किशोरों को किताबों की बजाए बंदूकें पकड़ाई जाती हैं।