नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भाजपा सांसदों से मंगलवार को कहा कि महामारी के दौरान सीमाओं पर तनाव, चक्रवातों और भूकंप जैसी कठिनाइयों के बावजूद भारत मजबूत होकर उभरा तथा पूरी दुनिया ने इसके सामर्थ्य को महसूस किया। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मोदी के संबोधन से संबंधित यह जानकारी दी। भाजपा संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने महामारी के दौरान इन सब चुनौतियों का मुकाबला किया और देश ने भी इन्हें पराजित किया।
मेघवाल ने कहा, महामारी के अपने अनुभव साझा करते हुए मोदी ने सांसदों से कहा कि इस अवधि के दौरान देश ने न सिर्फ वायरस की चुनौती का सामना किया, बल्कि अन्य मोर्चों पर भी चुनौतियों का सामना किया। एलएसी पर तनाव था, चक्रवात, भूकंप आए और फिर टिड्डी दल ने हमला कर दिया, लेकिन इन सभी कठिनाइयों के बावजूद देश मजबूत होकर उभरा तथा पूरी दुनिया ने इसके सामर्थ्य को महसूस किया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि वह दो दशक से अधिक समय से सार्वजनिक पद पर हैं, पहले मुख्यमंत्री के रूप में और अब प्रधानमंत्री के रूप में, उन्होंने एक भी दिन का अवकाश नहीं लिया है। मोदी के अतिरिक्त, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तथा विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी भाजपा संसदीय दल की बैठक को संबोधित किया। जयशंकर ने कहा कि महामारी के दौरान पूर्व में अन्य देशों को एंटीबायोटिक्स दवाओं और जांच किट उपलब्ध कराने की चिकित्सा कूटनीति तथा बाद में टीका नीति के कारण विश्व में भारत का कद बढ़ा।
मेघवाल ने बताया कि विदेश मंत्री ने दूसरे देशों में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने से संबंधित वंदे भारत मिशन का विवरण भी साझा किया। उन्होंने कहा कि इस दौरान सीतारमण ने पार्टी सांसदों के समक्ष केंद्रीय बजट पर प्रस्तुति के दौरान कहा कि कोरोना वायरस संबंधी महामारी के आर्थिक प्रभाव के बावजूद सरकार ने जनता पर कोई अतिरिक्त कर नहीं लगाया तथा सभी के लिए समग्र बजट लेकर आई। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने संसद सत्र में सांसदों के नियमित रूप से शामिल होने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
मोदी ने भाजपा सांसद पी पी चौधरी के निर्वाचन क्षेत्र पाली में पंचायत चुनाव का भी उल्लेख किया और कहा कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के बीच पार्टी ने 90 प्रतिशत से अधिक सीट जीतीं क्योंकि उसने लोगों के लिए इन कानूनों के लाभों को स्पष्ट रूप से आगे रखकर वोट मांगे। उन्होंने सांसदों से कहा कि इन कानूनों को लाने के पीछे का सरकार का इरादा अच्छा था और जो लोग अब इनका विरोध कर रहे हैं, वे बाद में इन कानूनों की सराहना करेंगे।