वरिष्ठ संवाददाता लखनऊ। बारिश के साथ ही डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया व अन्य मच्छरजनित बीमारियों को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां तेज कर दी है। इस बार तय किया गया है कि डेंगू व मलेरिया का एक भी केस मिलने पर 200 घरों की जांच की जायेगी, पहले यह दायरा 100 घरों तक का था।
मच्छरजनित बीमारियों के फैलने का समय सबसे ज्यादा बारिश के बाद होता है लेकिन जनवरी से लेकर अब तक कई मरीज मिल चुके हैं। सबसे ज्यादा चिकनगुनिया के 48 मरीज मिले हैं। जबकि डेंगू के महज 30 मरीज मिले हैं। इसी तरह मलेरिया के20 मरीज मिले हैं। एईएएस के पांच मरीज मिले हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. मनोज ने बताया सोर्स रिडएक्शन की कार्रवाई का दायरा बढ़ा दिया गया है। टीम जरिए अब केस मिलने पर दो सौ घरों में जांच होगी। इन बीमारियों की रोकथाम में सबसे ज्यादा दिक्कत निजी अस्पतालों द्वारा मरीज की जानकारी न देने से होती है।
मालूम हो कि सीएमओ के अधीन 1300 निजी अस्पताल संचालित होते हैं, इसमें 40 फीसदी अस्पताल ही बीमारियों का अपडेट सीएमओ आफिस भेजते हैं। बाकी अस्पताल मरीजों को इलाज करने बाद कोई डेटा सीएमओ आफिस नहीं भेज रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने संक्रामक बीमारियों का डेटा कोविड पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए थे। जानकारी न देने के पीछे कुछ निजी अस्पतालों का तर्क है कि पोर्टल में कुछ तकनीकी दिक्कत होने से वह डाटा लोड नहीं कर पा रहे हैं। बहरहाल कोविड की तरह संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए भी यह व्यवस्था शुरू की गयी है। ताकि समय रहते बीमारी की पहचान कर उसे फैलने से रोका जा सके।