बांदा, चित्रकूट व वाराणसी समेत चार जिलों में आवास विकास लाएगा आवासीय योजना

  • 11,000 रिक्त फ्लैटों के लिए सितंबर से खुलेंगे पंजीकरण, लखनऊ में 2500 फ्लैट पाने का मौका
  • आवास विकास परिषद की बोर्ड ने 30 प्रस्ताव में से 26 को दी मंजूरी


लखनऊ। उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद बांदा, चित्रकूट, उन्नाव तथा वाराणसी में आवासीय योजनाएं शुरू करने जा रहा है। इनमें बांदा व चित्रकूट में नई आवासीय योजना लांच होगी। इन योजनाओं के आने से करीब एक लाख लोगों को आवासीय सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही आवास विकास की विभिन्न योजनाओं में रिक्त 11,000 फ्लैटों के लिए सितंबर से एक बार फिर पहले आओ पहले पाओ योजना के तहत फ्लैट मिल सकेंगे। कुछ शहरों में इन फ्लैटों पर निर्धारित छूट भी मिलेगी। लखनऊ की अवध विहार व वृंदावन योजना में करीब 2500 फ्लैट खाली हैं। परिषद ने रिटायर तीन इंजीनियरों पर जांच बैठाई है। तीनों पर भष्टाचार के आरोप लगे थे। सभी अभियंताओं की पेंशन अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई है। मंगलवार को प्रमुख सचिव आवास पी. गुरु प्रसाद की अध्यक्षता तथा आवास आयुक्त डॉ. बलकार सिंह की उपस्थिति में हुई बोर्ड बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। परिषद मुख्यालय में हुई 272वीं बोर्ड बैठक में कुल 30 प्रस्ताव रखे गए, जिनमें से 26 को मंजूरी दी गई।


बोर्ड बैठक के बाद परिषद के सचिव डॉ. नीरज शुक्ला ने बताया कि बांदा के मवई बुजुर्ग गांव की करीब 338 एकड़ जमीन पर आवासीय योजना लाई जाएगी। जहां पर 9500 से प्लाट बनाए जाएंगे। इस योजना पर 1389.52 करोड़ रुपये खर्च होंगे। योजना के लिए जमीन जुटाने के लिए धारा-28 की कार्यवाही की जाएगी। जिसकी बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। इसके तहत यहां पर अब जमीन की खरीद बिक्री पर रोक लग जाएगी। योजना के लिए डिमांड सर्वे भी कराया जाएगा। इसके अलावा चित्रकूट में एक भूमि विकास एवं गृहस्थान योजाना संख्या-कर्वी-02 लांच की जाएगी। यह योजना करीब 160 एकड़ जमीन पर लाई जा रही है। इस योजना में ग्राम चकला राजरानी और अहमदगंज गांव की जमीन ली जा रही है। इस योजना में करीब 4450 प्लाट विकसित होंगे। इस योजना पर 894 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह दोनों योजनाएं करीब एक साल में जमीन पर आ जाएंगी। योजना के लिए जमीन लैंडपूलिंग, आपसी समझौसा और अधिग्रहण के जरिए जुटाई जाएगी। जिसमें प्रमुखता लैंडपूलिंग ओर आपसी समझौते को दी जाएगी।


वाराणसी के जीटी रोड बाईपास पर नई आवासीय योजना : वाराणसी योजना पहले भी बोर्ड में आ चुकी थी, अब इस योजना में जमीन खरीदने की मंजूरी का प्रस्ताव बोर्ड में रखा गया था, जिसे पास कर दिया गया है। वाराणसी के जीटी रोड बाईपास पर नई आवासीय योजना ला रहा है। यह योजना निविया, फरीदपुर, हंसापुर, नकाईन, सदलपुर, सगहट, कादीपुर, मीरापुर, रामपुर तथा मिसिरपुर गांवों की जमीन पर विकसित होगी। कुल 535.9258 हेक्टेयर जमीन अर्जित की जा रही है। इस योजना के विकास पर 3,158.09 करोड़ खर्च होगा।

165 एकड़ में विकसित होगी उन्नाव आवासीय योजना : आवास विकास परिषद उन्नाव के गदनखेड़ा सिंगरौली में 165.8360 एकड़ में नई आवासीय योजना लाने जा रहा है। इस योजना के विकास पर 700 करोड़ रुपये खर्च होगा। बोर्ड ने धारा-31(2) की स्वीकृति दे दी है। प्रस्ताव पारित हो गया है। इससे अब यहां जमीन खरीदने का रास्ता साफ हो गया है।


11,000 फ्लैटों की बुकिंग के लिए सितंबर से पंजीकरण
: आवास विकास की लखनऊ, गाजियाबाद व मेरठ मण्डल योजना में रिक्त 11,000 फ्लैटों के पंजीकरण अगले महीने से खुलेंगे। अब इन्हें फिर से पहले आओ पहले पाओ योजना के तहत खरीदा जा सकेगा। इनमें लखनऊ की अवध विहार तथा वृंदावन योजना में लगभग रिक्त 2,500 फ्लैट भी शामिल हैं। इनकी कीमत 19 लाख रुपये से 1.25 करोड़ रुपये तक है। सचिव डॉ. नीरज शुक्ला ने बताया कि 60 दिन में पूरा पैसा जमा करने वालों को अतिरिक्त 5% की छूट दी जाएगी। कुछ विशेष छूट का लाभ लखनऊ की योजना में शामिल नहीं है। इसके अलावा ईडब्ल्यूएस व एलआईजी के भी काफी फ्लैट रिक्त हैं। पूर्व में इन फ्लैटों की कीमतों में 40 प्रतिशत तक कमी की गई थी। परिषद ने फ्लैट के मूल्य में 42 प्रतिशत तक की छूट दी है। हालांकि यह छूट पहले आओ पहले पाओ योजना के तहत पहले 15 दिन बुकिंग कराने पर ही मिलेगी। इसके बाद 0.25 प्रतिशत कीमत बढ़ जाएगी। इनमें 60 दिन में पूरा पैसा जमा करने वालों को अतिरिक्त 5% की छूट दी जाएगी। 180 मासिक किस्तों में भी आसानी से भुगतान किया जा सकता है। 25 या इससे अधिक फ्लैट बल्क में खरीदने वालों को 5% अतिरिक्त छूट मिलेगी। इस तरह से बल्क में फ्लैट खरीदने वालों को 10% छूट मिलेगी।

आईबी को भूखंड देगा आवास विकास : आवास विकास सिकंदरा योजना, आगरा के सेक्टर 3ए में इंटेलिजेंस ब्यूरो को 2,400 वर्गमीटर का भूखंड देगा। 600-600 वर्गमीटर के एक साथ चार भूखण्ड दिए जाएंगे। यह चारो व्यावसायिक भूखण्ड हैं। लेकिन इनका भू- उपयोग बदला जाएगा। इसके लिए आपत्ति व सुझाव भी मांगे जाएंगे।

लखनऊ की नई जेल रोड योजना दो महीने में होगी लांच : आवास विकास परिषद की नई जेल रोड योजना लगभग दो महीने में लांच होगी। आवास विकास परिषद के सचिव डॉ. नीरज शुक्ला ने बताया कि योजना लगभग तैयार है। किसानों को जल्दी ही योजना में उनके प्लॉट आवंटित कर दिए जाएंगे, इसके बाद इस योजना को लॉन्च करने के लिए यूपी रेरा में पंजीकरण कराया जाएगा।

अयोध्या में और भूखंडों के लिए जल्द खुलेंगे पंजीकरण : आवास विकास परिषद की अयोध्या योजना में पंजीकरण शुरू हो गया है। 312 भूखंडों के लिए पंजीकरण खोले गए हंै। सचिव आवास डॉ. नीरज शुक्ला ने बताया कि अभी तक इसके लिए 185 लोगों ने पंजीकरण कराया है। इस योजना के पंजीकरण के बाद जल्दी ही और अच्छे प्राइम लोकेशन पर भूखंडों का पंजीकरण खोला जाएगा। अयोध्या योजना काफी प्राइम लोकेशन पर विकसित की जा रही है।


आवास विकास की कालोनियों में नई बिल्डिंग बाईलॉज लागू
: शासन ने नई बिल्डिंग बाईलॉज को पूरे प्रदेश में लागू करने का आदेश जारी किया था। अब आवास विकास की बोर्ड ने इसकी मंजूरी दे दी है, जिससे अब आवास विकास भी नए बाईलॉज के हिसाब से बिल्डिंग के नक्शे पास करेगा। इससे परिषद की कालोनियों में भी नई भवन निर्माण उपविधि का फायदा मिलेगा। वहां पर भी आवासीय में व्यावसायिक निर्माण किया जा सकेगा। 100 वर्ग मीटर तक के प्लाटों पर मकान बनाने के लिए नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं होगी। नई भवन निर्माण उपविधि में 24 मीटर या उससे ज्यादा चौड़ी सड़क पर स्थित आवासीय भूखंडों पर तय सीमा तक व्यावसायिक निर्माण किया जा सकेगा। नई उपविधि में फ्लोर एरिया रेसियो (एफएआर) को भी बढाया गया है। जिन लोगों ने कैबिनेट से नई उपविधि को मंजूरी मिलने से पहले 24 मीटर चौड़ी सड़क पर आवासीय में व्यावसायिक निर्माण कर लिया है उनको भी राहत मिलेगी। उनको नई नियमावली के तहत शमन मानचित्र पास कराना होगा। इसके अलावा पुराने निर्माण को हटाकर नए सिरे से भी मानचित्र पास करा सकेंगे।

तीन रिटायर्ड इंजीनियरों पर कार्रवाई, जांच के आदेश : आवास विकास के अलग-अलग खण्डों में तैनाती के दौरान हेराफेरी व लापरवाही के आरोप में तीन रिटायर्ड इंजीनियरों पर कार्रवाई की गई है। परिषद के सचिव डॉ. नीरज शुक्ला ने बताया कि इलाहाबाद में तैनाती के दौरान अवर अभियंता नारायण प्रसाद ने एक ठेकेदार को बिना कार्य कराए 41 लाख रुपये का भुगतान कर दिया था। शिकायत के बाद जांच में आरोप सही पाए गए है। हालांकि इंजीनियर 2017 में सेवानिवृत्त हो चुका है। प्राथमिक जांच रिपोर्ट में आरोप सही पाएं जानें पर उसकी पेंशन पर रोक लगा दी गई है। अब जांच रिपोर्ट में दोषी पाएं जाने पर पैसे की रिकवरी की जाएंगी। इसके अलावा गाजियाबाद में कार्यरत अवर अभियंता दिनेश पाल सिंह और अधिशासी अभियंता सुनील कुमार पर अवैध निर्माण में संलिप्तता के आरोप थे। जो प्राथमिक जांच में सही पाए गए। यह दोनों लोग भी कुछ समय पहले रिटायर हो चुके है। जांच में दोष सिद्ध होने पर पेंशन रोक दी गई है। परिषद ने तीनों मामलों में विभागीय जांच शुरू कर दी है और सभी अभियंताओं की पेंशन अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई है। आरोप है कि तैनाती के दौरान नियम विपरीत निर्माण हो गए, कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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