प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर सुनवाई सोमवार को टाल दी। अदालत अब इस मामले में 12 सितंबर को सुनवाई करेगी।
सोमवार को मुख्य न्यायाधीश प्रितिंकर दिवाकर की अदालत में जब इस मामले में सुनवाई शुरू हुई, तो अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने इस बात का उल्लेख किया कि उच्च न्यायालय की एकल पीठ द्वारा इस मामले में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। कमेटी का कहना था कि चूंकि दोनों पक्षों के वकीलों ने लंबी बहस की, इसलिए उस पीठ द्वारा निर्णय दिया जाना चाहिए था।
हालांकि, मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उच्च न्यायालय के नियमों के मुताबिक, जब किसी मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद भी निर्णय नहीं दिया जाता है तो मुख्य न्यायाधीश के पास उस मामले को किसी अन्य पीठ के पास भेजने या स्वयं उस पर सुनवाई करने का अधिकार है।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि 15 मार्च, 2021 से इस मामले में कई बार निर्णय सुरक्षित रखा गया, लेकिन निर्णय सुनाया नहीं गया। इस पर, अंजुमन इंतेजामिया के वकील ने इस मामले का नए सिरे से अध्ययन करने के लिए समय दिए जाने और इस मामले में सुनवाई टालने का अनुरोध किया जिस पर अदालत द्वारा 12 सितंबर की तारीख तय की गई।
सुनवाई के दौरान, मुख्य न्यायाधीश ने मीडिया रिपोर्टिंग पर टिप्पणी की और कहा कि जब वह ज्ञानवापी मस्जिद के बैरिकेड वाले क्षेत्र के एएसआई सर्वेक्षण से जुड़े मामले की सुनवाई कर रहे थे तो हिंदी के कुछ समाचार पत्र उन बहसों को रिपोर्ट किया करते थे जो इस अदालत के समक्ष की ही नहीं गयी। लिया था और निर्णय सुनाने के लिए 28 अगस्त की तिथि तय की थी।
यह भी पढ़े— थ्रो खिलाड़ियों की कोई फिनिश लाइन नहीं होती, नीरज चोपड़ा ने दी अपनी प्रतिक्रिया