लखनऊ। हिंदू धर्म में हरतालिका तीज का खास महत्व होता है। भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन इस व्रत को रखा जाता है। मान्यता है कि सुहागिन महिलाओं द्वारा इस व्रत को रखने से उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। हरतालिका तीज के दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और भगवान शिव व माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा करती हैं। वहीं, इस बार का हरतालिका तीज और भी ज्यादा खास हो रहा है क्योंकि, इस दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं। ऐसे में इस साल इस व्रत को रखने से महिलाओं को भगवान की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है। आइए विस्तार से जानें की इस बार हरतालिका तीज कब पड़ रही है और इस दिन कौन-कौन से शुभ संयोग बन रहे हैं। इस साल हरतालिका तीज का व्रत 26 अगस्त, मंगलवार को रखा जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार तृतीया तिथि 25 तारीख को दोपहर में 12 बजकर 35 मिनट से शुरू हो जाएगी और इसका समापन अगले दिन 26 तारीख को दोपहर में 01 बजकर 55 मिनट पर होगा। तृतीया तिथि उदयकाल में 26 अगस्त को पड़ने के चलते हरतालिका तीज का व्रत इसी दिन रखा जाएगा। 26 तारीख, मंगलवार को तृतीया तिथि होने से इस दिन अंगारकी चतुर्थी और विनायकी चतुर्थी का भी शुभ संयोग बन रहा है। वहीं, इस दिन चंद्रमा कन्या राशि में मंगल के साथ धन योग का भी संयोग बनाएंगे। साथ ही, इस दिन हस्त नक्षत्र का भी संयोग बन रहा है। ऐसे में व्रत रखने वाली विवाहित महिलाओं के लिए यह दिन और भी खास बन रहा है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के साथ-साथ गणेशजी की पूजा करना भी विशेष रूप से फलदायी रहेगा।
हरतालिका तीज पर शुभ योग और मुहूर्त
ज्योतिषियों के अनुसार इस साल तृतीया तिथि की शुरूआत 25 अगस्त 2025 को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से होगी। तिथि का समापन 26 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 54 मिनट पर है। ऐसे में 26 अगस्त 2025 को हरतालिका तीज मनाई जाएगी। इस दिन साध्य योग प्रात:काल से लेकर दोपहर 12 बजकर 09 मिनट तक है। फिर शुभ योग प्रारंभ होगा। हालांकि रवि योग का संयोग पूरे दिन रहने वाला है। बात अगर पूजा के मुहूर्त की करें, तो हरतालिका तीज पर पहला मुहूर्त (ब्रह्म मुहूर्त) सुबह 4 बजकर 27 मिनट से सुबह के 5:12 मिनट तक रहेगा। फिर दूसरा (अभिजीत मुहूर्त) सुबह 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक मान्य है। हालांकि तीसरा (विजय मुहूर्त) दोपहर में 2 बजकर 31 मिनट से दोपहर 3 बजकर 23 मिनट तक रहने वाला है। आप इस अवधि में शिव परिवार की उपासना कर सकती हैं।
हरतालिका तीज व्रत महत्व
हरतालिका तीज व्रत का धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत विशेष महत्व है। यह व्रत विशेष रूप से महिलाओं द्वारा भगवान शिव और माता पार्वती के पावन मिलन की स्मृति में किया जाता है। इस दिन महिलाएं पूर्ण श्रद्धा से व्रत रखती हैं, जिसमें अन्न और जल का त्याग कर दिनभर उपवास किया जाता है। रात्रि में जागरण करके शिव-पार्वती की कथा सुनी जाती है और उनकी विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। सुहाग की वस्तुएं माता पार्वती को अर्पित की जाती हैं और महादेव को वस्त्र व अन्य पूजन सामग्री समर्पित की जाती है।
इस व्रत का महत्व यह है कि कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की प्राप्ति की कामना से यह व्रत करती हैं, जबकि विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य के लिए इसे निभाती हैं। ऐसा माना जाता है कि सोलह श्रृंगार कर माता पार्वती की पूजा करने से वे अति प्रसन्न होती हैं और साधक पर अपनी विशेष कृपा बनाए रखती हैं, जिससे वैवाहिक जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
हरतालिका तीज व्रत पूजा विधि
व्रत रखने वाली महिलाओं को इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि कर लेना चाहिए। इसके बाद, साफ वस्त्र धारण करके मिट्टी से भगवान शिव, देवी पार्वती और गणेश जी की प्रतिमा बनाएं। अब इन्हें चौकी पर वस्त्र बिछाकर स्थापित करें। इसके बाद, पहले भगवान गणेश को तिलक लगाएं और दर्ू्वा अर्पित करें। अब विधि-विधान से गणेशजी की पूजा करें और फिर, माता पार्वती को श्रृंगार का सामान और शिवजी को बेलपत्र अर्पित करें। साथ ही, उन्हें वस्त्र, मिष्ठान आदि भी चढ़ाएं और हरतालिका तीज व्रत का पाठ अवश्य करें। आखिरी में भगवान गणेश की आरती करें और फिर, शिवजी व पार्वती माता की आरती करें। साथ ही, हरतालिका तीज व्रत के दिन शाम के समय भी विधि-विधान से पूजा और आरती जरूर करें।