नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन 22 मई को विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी बोर्ड अध्यक्ष का कार्यभार संभालेंगे। डॉ. हर्षवर्धन कोविड-19 के खिलाफ भारत की जंग में सबसे आगे खड़े लोगों में से हैं। हर्षवर्धन जापान के डॉ. हिरोकी नकातानी की जगह लेंगे, जो डब्ल्यूएचओ के 34 सदस्यों के बोर्ड के वर्तमान अध्यक्ष हैं।
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की बैठक में भारत की तरफ से नामित किए गए डॉ. हर्षवर्धन को नियुक्त करने का प्रस्ताव 19 मई को 194 देशों ने पारित किया। हालांकि डॉ. हर्षवर्धन का पद संभालना केवल औपचारिकता भर रह गया था, जब यह फैसला हुआ था कि वह डब्ल्यूएचओ की दक्षिण-पूर्व एशिया ग्रुप के लिए भारत की तरफ से नामित होंगे। इसमें सर्वसम्मति से ये भी तय किया गया था कि भारत मई से शुरू होने जा रहे 3 साल के कार्यकाल के लिए कार्यकारी बोर्ड में रहेगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि भारत में अभी तक प्रति 1 लाख आबादी पर कोविड-19 से मौत के लगभग 0.2 मामले सामने आए हैं, जबकि दुनियाभर का आंकड़ा 4.1 मृत्यु प्रति लाख है। भारत में मंगलवार को कोरोना की वजह से मौत के मामले 3,163 तक पहुंच गए और संक्रमित मरीजों के कुल मामलों का आंकड़ा 1,01,139 हो गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आगे कहा कि 18 मई को देश में कोविड-19 के लिए रिकॉर्ड 1,08,233 सैंपलों की जांच हुई।
अभी तक कुल 24,25,742 सैंपलों की जांच हो चुकी है। डब्ल्यएचओ की स्थिति रिपोर्ट-119 के मुताबिक मंत्रालय ने बताया कि पूरी दुनिया में 19 मई तक कोविड-19 से कुल 3,11,847 मौत के मामले आए हैं, जो लगभग 4.1 मृत्यु प्रति लाख आबादी के हैं। इस बीच, डब्ल्यूएचए जो फैसले लेती है, जो नीतियां बनाती है, उन्हें प्रभाव में लाने का काम बोर्ड का होता है। इसके अलावा ये बोर्ड स्वास्थ्य नीतियों के संबंध में डब्ल्यूएचए को सलाह भी देता है। साल में दो बार एक्जीक्यूटिव बोर्ड के मेंबर्स की मीटिंग होती है. एक जनवरी में, दूसरी मई में। मई वाली मीटिंग डब्ल्यूएचए की मीटिंग के तुरंत बाद होती है।
इस बार 18-19 मई को डब्ल्यूएचए की मीटिंग हुई। इसी दौरान डब्ल्यूएचओ ने बोर्ड के दस नए सदस्यों के नामों का फाइनल ऐलान किया। डब्ल्यूएचओ के साउथ-ईस्ट एशिया ग्रुप ने तय कर लिया था कि भारत तीन साल के लिए एक्जीक्यूटिव बोर्ड का मेंबर बनेगा। एक अधिकारी ने जानकारी दी कि ये फुल टाइम असाइंमेंट नहीं है, हर्षवर्धन को केवल मीटिंग्स क अध्यक्षता करनी होंगी।