नयी दिल्ली । दिवाली तक माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में बड़े सुधार, पुतिन-ट्रंप शिखर सम्मेलन और एसएंडपी के भारत की साख में सुधार करने से इस सप्ताह घरेलू शेयर बाजार की चाल प्रभावित हो सकती है। विश्लेषकों ने कहा कि इसके अलावा वैश्विक बाजारों के रुझान और विदेशी निवेशकों का रुख भी घरेलू निवेशकों की धारणा को प्रभावित करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को दिवाली तक जीएसटी व्यवस्था में बड़े सुधारों की घोषणा की, जिससे रोजर्मा की वस्तुओं की कीमतें कम होंगी।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, इस सप्ताह बाजार में उत्साह के साथ शुरूआत होने की संभावना है, क्योंकि बाजार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस संबोधन से आशान्वित हैं। दिवाली से पहले जीएसटी दरों में संभावित कटौती के उनके बयान से बाजार की धारणा में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है और शेयर बाजार सुस्ती की गिरफ्त से बाहर आ सकते हैं। इस बीच, भारत ने शनिवार को अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के बीच शिखर वार्ता का स्वागत किया। हालांकि, यह वार्ता बिना किसी नतीजे के समाप्त हुई।
एसएंडपी ने बृहस्पतिवार को मजबूत आर्थिक वृद्धि, राजकोषीय समेकन के लिए राजनीतिक प्रतिबद्धता और मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिए अनुकूल मौद्रिक नीति का हवाला देते हुए 18 वर्षों से अधिक समय के बाद स्थिर दृष्टिकोण के साथ भारत की साख को बीबीबी कर दिया। जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, आने वाले दिनों में एफआईआई की गतिविधियां शुल्क के मोर्चे पर होने वाली कार्वाई से प्रभावित होंगी। अमेरिका और रूस के बीच तनाव कम होने और रूस पर आगे कोई प्रतिबंध न लगने की ताजा खबरें इस बात का संकेत हैं कि भारत पर लगाया गया 25 प्रतिशत का अतिरिक्त या दूसरा शुल्क 27 अगस्त के बाद भी लागू नहीं होगा।
यह एक सकारात्मक पहलू है। उन्होंने आगे कहा, रेटिंग एजेंसी एसएंडपी के भारत की साख रेटिंग को बीबीबी- से बढ़ाकर बीबीबी करने से एफआईआई का रुख प्रभावित हो सकता है। मीणा ने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक के विवरण और अमेरिकी व्यापक आर्थिक आंकड़ों पर भी बाजार की नजर रहेगी। ईवाई इंडिया के कर भागीदार सौरभ अग्रवाल ने कहा,जीएसटी 2.0 के लिए प्रधानमंत्री का नजरिया एक जुझारू भारतीय अर्थव्यवस्था की दिशा में समय से उठाया गया रणनीतिक कदम है। ये केवल प्रक्रियात्मक बदलाव नहीं हैं, बल्कि जरूरी संरचनात्मक सुधार हैं, जिन्हें वैश्विक व्यापार तनाव से पैदा होने वाले जोखिमों को कम करने के लिए लाया गया है। पिछले सप्ताह सेंसेक्स 739.87 अंक या 0.92 प्रतिशत बढ़ा, जबकि निफ्टी में 268 अंक या 1.10 प्रतिशत की तेजी आई।