प्रदेश में बढ़ती हरियाली

स्वतंत्रता दिवस पर पिछले साल उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्लोबल वार्मिंग से आजादी दिलाने और पर्यावरण को बचाने के लिए एक व्यक्ति-एक वृक्ष के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए एक ही दिन में 22 करोड़ पौधे लगाने का कीर्तिमान रचा था और इस साल प्रदेश सरकार ने अपने ही कीर्तिमान को पीछे छोड़ते हुए वन महोत्वस के मौके पर एक ही दिन में 25 करोड़ पौधे लगाने का जो सामर्थ्य दिखाया है वह प्रदेश को हरा-भरा बनाने के मुख्यमंत्री के संकल्प को प्रकट करता है।

लोकतंत्र में सरकार की सफलताओं और असफलताओं की समीक्षा होती है और सरकारों को जनता के सामने हिसाब देना होता है। जाहिर है योगी सरकार को भी 2022 में मतदाताओं को यह हिसाब देना होगा लेकिन पर्यावरण को लेकर सरकार ने जो संवेदनशीलता प्रदर्शित की है वह जमीन पर महसूस की जा रही है। वर्तमान राजनीतिक माहौल में बहुत कम ऐसे लोग होंगे जो पर्यावरण को जिंदगी के लिए बहुत जरूरी चीज मानते हुए इस क्षेत्र में किये गये कामों के आधार पर सरकार की समीक्षा करें।

पर्यावरण आज धरती पर मानव जाति के अस्तित्व से जुड़ा मसला है और इसको लेकर सरकार का संवेदनशील नजरिया दरअसल उसकी दूरदर्शिता को प्रकट करता है। राज्य सरकार ने प्रदेश में हरियाली का दायरा बढ़ाकर 15 प्रतिशत तक करने का संकल्प पूर्व में व्यक्त किया था और इसी संकल्प का पीछा करते हुए हर साल बड़े पैमाने पर पौध रोपण अभियान चलाया जाता है जिसका परिणाम यह है कि हरियाली का दायरा जो इस सरकार से पहले घटकर 6 फीसद पर आ गया था वह धीरे-धीरे बढ़ता हुआ अब 9.18 फीसद तक पहुंच गया है।

ग्रीन कवरेज में हुई इस बढ़ोत्तरी की पुष्टि इंडिया स्टेट फॉरेस्ट रिपोर्ट में भी गयी है। उत्तर प्रदेश में हरियाली का बढ़ता दायरा प्रदेश के 22 करोड़ से अधिक नागरिकों के बेहतर जीवन के लिए तो शुभ है ही लेकिन साथ ही वनों एवं वृक्षों से रोजगार के भी बड़े मौके बनते हैं। प्रदेश में लगातार वृक्षारोपण का कीर्तिमान बनाया जा रहा है। 2017 में एक ही दिन में 5 करोड़ पौधों का रोपण किया गया था। 2018 में यह संख्या बढ़कर 11 करोड़ हो गयी और 2019 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक व्यक्ति एक पेड़ के तहत 22 करोड़ पौधे लगाये गये।

इस साल कोरोना संकट के बावजूद सरकार ने मिशन वृक्षारोपण-2020 के तहत एक ही दिन में 25 करोड़ पौधे लगाने का कीर्तिमान कायम किया। जो पौधे लगाये गये हैं वे पर्यावरणीय विविधता को बढ़ाने वाले हैं। इसमें पीपल, बरगद, सहजन, पाकड़ के पौधों के साथ औषधीय, फलदार, पर्यावरणीय, छायादार, धारा, औद्योगिक व प्रकाष्ठ के लिहाज से महत्वपूर्ण पौधों का रोपण किया गया।

प्रदेश सरकार के इस महाअभियान में पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के साथ 26 अन्य विभागों, एनजीओ, विद्यार्थियों एवं समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने बढ़ चढ़कर अपनी भूमिका निभाई। जब इतनी बड़ी संख्या में पौधों का रोपण किया जाता है तो उनका देखरेख भी एक बड़ी चुनौती होती है। इसलिए अब प्रदेश सरकार की अगली चुनौती इन पौधों की देखरेख होनी चाहिए ताकि जो 25 करोड़ से अधिक पौधे रोपे गये हैं उनमें से बड़ी संख्या में बच जायें और बड़े होकर हमारे पर्यावरण और हरियाली को समृद्ध करें।

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