वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए लगातार काम कर रही है सरकार : मुख्यमंत्री

  • कोरोना काल के दौरान रोप गये रिकॉर्ड 25 करोड़ पौधे

  • योगी ने किया महराजगंज के गिद्ध संरक्षण केंद्र का शिलान्यास

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथं ने बुधवार को कहा कि मौजूदा राज्य सरकार वन्य प्राणियों के संरक्षण व संवर्द्धन के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में वनों और वन्य प्राणियों का विशेष महत्व है। हमारी संस्कृति अरण्य संस्कृति भी कहलाती है। उन्होंने कहा कि गिद्ध संरक्षण केंद्र पर्यावरण की शुद्धि का माध्यम बनेगा। साथ ही, प्रकृति के संरक्षण व उस क्षेत्र में ईको टूरिज्म की सम्भावनाओं को भी बढ़ाएगा।

मुख्यमंत्री ने यहां अपने सरकारी आवास पर वर्चुअल माध्यम से ‘वन्य प्राणि सप्ताह-2020’ के समापन अवसर पर जटायु (गिद्ध) संरक्षण केंद्र, महराजगंज का शिलान्यास किया। उन्होंने इस मौके पर गिद्धों के संरक्षण पर किये गये शोध पुस्तक का विमोचन, वन्यजीवों के स्वच्छन्द विचरण के लिए ज़रूरी काॅरिडोर पर पीलीभीत टाइगर रिजर्व क्षेत्र के लिए तैयार की गयी पुस्तक ‘गढ़ा काॅरिडोर’ और ‘वाल्मीकि की पर्यावरण चेतना; पुस्तक का विमोचन किया। इस मौके पर वन एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री को गिनीज बुक ऑफ़ वल्र्ड रिकाॅर्ड एक समय में एक ही साथ कई प्रजातियों के पौधे रोपित करने का सर्टिफिकेट भेंट किया।

योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए इस साल रिकाॅर्ड 25 करोड़ पौधे लगाये हैं, जिससे प्रदेश का फारेस्ट कवर बढ़ा है। उन्होंने कहा कि आबादी बढ़ने के साथ ही जीवों का संरक्षण ज़रूरी है।

पर्यावरण का मतलब सिर्फ मनुष्य नहीं है, बल्कि हर प्राणि ईको सिस्टम को मजबूत बनाता है। अगर एक भी कड़ी कमजोर होती है, तो ईको सिस्टम भी कमजोर होता है। गिद्धों के बारे में कहा जाता है कि यह प्रकृति और पर्यावरण की शुद्धि करता है। जैसे जल की शुद्धि में डाॅल्फिन का विशेष महत्व है, उसी प्रकार थल की शुद्धि में गिद्ध का।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साढ़े तीन सालों में सरकार के प्रयासों से टाइगर, गेंडा और हाथी की संख्या में वृद्धि हुई है, जो एक अच्छा संकेत है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के दृष्टिगत लोगों से अपील की कि सभी लोग मास्क पहनकर बाहर निकलें। दो गज की दूरी का पालन करें और बहुत आवश्यक हो तभी घर से बाहर निकलें। इससे पहले, उन्होंने वन्य प्राणि सप्ताह के दौरान आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेताओं को ऑनलाइन पुरस्कार वितरित किया और उनसे संवाद भी किया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए वन्य एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश देश का रोल माॅडल बन रहा है। इस साल 05 जुलाई को प्रदेश में 25 करोड़ पौधों का रोपण किया गया, जिसकी तारीफ पूरे विश्व में की गयी है।

बता दें कि सबमिशनों ऑन एग्रोफाॅरेस्ट्री, नमामि गंगे, राष्ट्रीय बांस मिशन सहित विभिन्न केंद्र प्रोषित योजनाओं के तहत कृषकों को पौधरोपण एवं देखभाल हेतु आर्थिक अनुग्रह राशि दी जा रही है। पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ाने में जैव विविधता की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके मद्देनज़र नौ जलवायु क्षेत्रों की सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा स्तर पर जैव विविधता प्रबंधन समितियों का गठन और ग्राम स्तर पर जन जैव विविधता रजिस्टर तैयार किये जा रहे हैं।

अवैध कटान, शिकार, खनन व वन्य प्राणियों की तस्करी पर कठोर नियंत्रण किया जा रहा है। पिछले तीन सालों में मौजूदा सरकार द्वारा किये गये वृहद् वृक्षारोपण एवं रोपित पौधों की प्रभावी सुरक्षा के परिणामस्वरूप वन स्थिति रिर्पोट 2019 के अनुसार प्रदेश में वर्ष 2017 के सापेक्ष वर्ष 2019 में वनावरण में 127 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है। बाघ संरक्षण में स्थानीय समुदाय की सहभागिता एवं प्राकृतवास सुधार से प्रदेश में बाघ की संख्या 117 से बढ़कर 173 हो गयी है। राष्ट्रीय धरोहर हाथी की संख्या भी बढ़कर 320 हो गयी है।

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